बिहार में अगले कुछ ही महीनो में विधानसभा सीटों के चुनाव होने है. वर्तमान मुख्यमंत्री नितीश कुमार एक बार फिर अपनी कुर्सी बचाने के लिए मैदान में उतरेंगे तो वही दूसरी तरफ लालू यादव कि जगह इस बार उनके पुत्र और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कड़ी टक्कर देते दिखाई देंगे. हालांकि 2015 में साथ-साथ चुनाव लड़ने वाले नितीश कुमार और तेजस्वी यादव इस बार एक दुसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते दिखाई देंगे. लेकिन सब के बीच सबसे दिलचस्प नज़ारा तब होगा जब नितीश कुमार और प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी एक साथ चुनावी मैदान में होंगे.
2014 के लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी को NDA गठबंधन कि तरफ से प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बनाये जाने के बाद नितीश कुमार ने NDA गठबंधन से अपना नाता तोड़ लिया था और अलग हो गए थे जिसके बाद जनता दल यूनाइटेड को लोकसभा चुनाव में मिली हार को देखते हुए नितीश कुमार ने CM के पद से भी इस्तीफा दे दिया था परन्तु 2015 का विधानसभा चुनाव आते-आते एक बार फिर पार्टी के CM उम्मीदवार बन गए और जीतन राम मांझी को साइड कर दिया गया. 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान ही नितीश कुमार ने कहा था कि मिट्टी में मिल जाऊंगा लेकिन बीजेपी में नहीं जाऊंगा” वही नितीश कुमार 2020 के विधानसभा चुनाव में प्रधानमन्त्री मोदी के साथ चुनावी मंच साझा करते हुए दिखाई देंगे.
विधानसभा चुनाव नजदीक देख बिहार में राज्य और केंद्र सरकार कि तरफ से योजनाओ कि बौछार हो गई है. कुछ दिनों पहले पीएम मोदी और नितीश कुमार के बीच हुए विडियो कांफ्रंसिंग में मोदी ने कहा था कि आधुनिक बिहार को गढ़ने में नीतीशजी की अहम भूमिका है। बिहार में पोस्टर वर हमेशा देखने को मिला है. इसलिए मोदी कि कही गई बातो को जनता दल यूनाइटेड ने पोस्टर के जरिये वोटरों को लुभा रही है. वहीँ राजद,कांग्रेस और जदयू के बीच वर-पलटवार का दौर जारी है. ऐसा पहली बार है कि मोदी और नितीश कुमार कि तस्वीर एक साथ किसी पोस्टर में लगाईं गई है.
दूसरी तरफ राजद भी तेजस्वीमय हो चुकी है. लालू यादव चारा घोटाला मामले में रांची जेल में बंद है ऐसे में पार्टी कि पूरी जिम्मेदारी अब तेजस्वी यादव के कंधो पर है. महागठबंधन कि तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा तेजस्वी यादव होंगे. इस इल्हजे से वो भी अकर्मक रुख अपनाते हुए जदयू और नितीश कुमार पर हमलावर है.