बिहार में इन दिनों विधानसभा चुनाव अओ लेकर सियासत गर्म है. राजनीति पार्टियों के द्वारा एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोपो का दौर जारी है. इस बार विधानसभा का चुनाव तीन चरणों में है जिसके लिए पहले चरण का मतदान 28 अक्टूबर को होगा वहीं 3 नवंबर को दूसरा और 7 नवंबर को तीसरे चरण के लिए मतदान होगी जबकि मतगणना 10 नवंबर को होगा. AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी लगातार बिहार में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे हैं। बांका विधानसभा में भी चुनावी सभा को संबोधित किया।
भेड़ामोड़, बाराहाट में आयोजित चुनावी सभा में उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार के साथ-साथ राजद और कांग्रेस की नीतियों की भी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि बिहार में अगर भाजपा सत्ता में है तो इसका जिम्मेदार कांग्रेस और राजद है। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार को पिछले विधानसभा चुनाव में सभी ने मुख्यमंत्री बनाया। जिसके बाद वे भाजपा के साथ मिल गए। वही हाल यहां के राजद प्रत्याशी का भी है। उन्होंने कहा कि यहां के प्रत्याशी भी इधर से उधर आते जाते रहते हैं। नेताओं के पार्टी बदलने से लोगों के विकास में बाधा उत्पन्न होती है।
ओवैसी ने आगे कहा कि लॉकडाउन के समय में नीतीश कुमार ढाई महीने तक कमरे में बंद थे। जबकि राजद के नेता प्लेन पर केक काट रहे थे। उनलोगो को दूसरे प्रदेशों में रह रहे प्रवासी मजदूरों की चिंता नहीं थी। अब चुनाव के समय रोजगार के नाम पर दोनों झूठी अपवाह फैला रहे है। बिहार के अस्पताल में डॉक्टर और विद्यालय में शिक्षकों का अभाव है। इस तरफ सरकार का कभी ध्यान नहीं गया।उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा की सरकार फ्री में मछली नहीं देगी। बल्कि मछली पकड़ना सिखाएगी। ओवैसी ने कहा कि हर बच्चों को उच्च शिक्षा मिलेगी। जिससे उन्हें रोजगार मिलने में दिक्कत नहीं होगी। वे रालोसपा प्रत्याशी कौशल सिंह के पक्ष में जनसभा करने पहुंचे थे।
सभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि अगर राजद किसी खास वर्ग का हिमायती है।तो NRC और CAA के बारे में अपनी नीति स्पष्ट करे। ओवैसी ने राजद पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले को उन्हें विधानसभा में उठाना चाहिए। लेकिन राजद ने इस मामले पर अपनी नीति कभी स्पष्ट नहीं की। इससे स्पष्ट होता है कि राजद किसी खास वर्ग का हितैशी नहीं है।