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JAC 10th 12th Board Exam: जैक 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा पर सरकार इस दिन लेगी बड़ा फैसला, रद्द होगी परीक्षा!

JAC 10th 12th Board Exam 2021: मैट्रिक और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा किसी भी विद्यार्थी के लिए अहम होता है. सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड की तर्ज पर झारखंड एकेडमिक काउंसिल की मैट्रिक की परीक्षा भी रद्द हो सकती है. झारखंड एकेडमिक काउंसिल परीक्षा के संचालन के पक्ष में हैं सोशल डिस्टेंसिंग के आधार पर परीक्षा केंद्र का भी चयन किया गया है.

कोरोना की रफ्तार से निकट भविष्य में परिक्षा के संचालन की संभावना कम है. परीक्षा के आयोजन से बच्चों में कोरोना वायरस संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ सकती है ऐसे में राज्य सरकार मैट्रिक की परीक्षा नहीं लेने पर मुहर लगा सकती है. कोरोना के बढ़ते मामलों और बच्चों को प्रभावित करने वाली संभावित तीसरी लहर को देखते हुए झारखंड सरकार इस पर निर्णय ले सकती है. 1 जून को बैठक होने वाली है जिसमें मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा को लेने या नहीं लेने पर अंतिम फैसला लिया जाएगा. सीबीएसई आईसीएसई बोर्ड ने पहले ही दसवीं की परीक्षा नहीं लेने का ऐलान किया था दोनों बोर्ड नौवीं और दसवीं के असेसमेंट के आधार पर रिजल्ट तैयार कर रहे हैं.

मैट्रिक की परीक्षा रद्द होने की स्थिति में सरकार इंटरमीडिएट की परीक्षा पर फोकस कर सकती है इसका आयोजन कोरोना वायरस संक्रमण के कम होने पर अगस्त तक किया जा सकता है. इसके पैटर्न में भी कुछ बदलाव करने पर सहमति बन सकती है ताकि विद्यार्थियों को दिक्कत ना हो इंटरमीडिएट की परीक्षा नहीं लेने से अंकों के आधार पर विश्वविद्यालय में ग्रेजुएशन में नामांकन में समस्या आ सकती हैं. हालांकि केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशांक के साथ बैठक में झारखंड की तरफ से मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा लिए जाने को प्राथमिकता बताई गई है.

जून-जुलाई में यदि सीबीएसई बोर्ड के आधार पर जैक के विद्यार्थियों को अंक देकर पास किया जाता है तो इसके परिणाम जारी हो सकेंगे. ऐसे में झारखंड एकेडमिक काउंसिल के मैट्रिक के विद्यार्थियों पर निर्णय नहीं लिया गया तो वे उनसे पिछड़ सकते हैं. मैट्रिक की परीक्षा लेने का सरकार अगर निर्णय लेती है तो इसके आयोजन और रिजल्ट जारी करने में देरी होगी वर्तमान हालात को देखते हुए जून में परीक्षा का संचालन होने की संभावना कम नजर आ रही है. संक्रमण कम होने पर जुलाई-अगस्त में परीक्षा का आयोजन भी होता है तो उसके मूल्यांकन और रिजल्ट जारी करने में अक्टूबर-नवंबर तक का समय लग सकता है ऐसे में दूसरे बोर्ड का रिजल्ट पहले आ चुका होगा और इंटरमीडिएट व प्लस टू में नामांकन भी शुरू हो जाएगा इस स्थिति में झारखंड बोर्ड के बच्चों को नुकसान होगा.