Jharkhand academic council: झारखंड में सरकारी स्कूलों के बच्चे इस वर्ष भी बिना परीक्षा की अगली कक्षा में पास किये जाएंगे. सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 7 तक की वार्षिक परीक्षा ना तो ऑफलाइन होगी और ना ही ऑनलाइन. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग शिक्षकों के माध्यम से बच्चों को घर में ही प्रश्न पत्र भेजकर उनका मूल्यांकन करने पर विचार कर रहा है. इस साल 8वीं बोर्ड की परीक्षा भी नहीं होने की संभावना जताई गई है.
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव राहुल शर्मा ने स्वीकार किया है कि स्कूलों के बंद रहने के कारण ऑफलाइन परीक्षा संभव नहीं है. जबकि बड़ी संख्या में बच्चो के पास ऑनलाइन परीक्षा के लिए डिजिटल सुविधाएँ मौजूद नहीं है. ऐसे में अगर परीक्षा ली जाती है तो काफी परेशानियों का सामना करना होगा. विभाग के द्वारा प्रयास किया जा रहा है की बच्चो को किसी तरह से मूल्यांकन कराकर उन्हें अगली कक्षा में भेज दिया जाए.
विभाग के द्वारा इस सम्बन्ध में जल्द स्कूलों को निर्देश जारी होने की संभावना है. इस बार सत्र में देरी भी हो सकती है. बता दें कि विभाग ने इसी साल फरवरी महीने में मिड टर्म असाइनमेंट के रूप में इस तरह का मूल्यांकन बच्चों का कराया था. इसके तहत शिक्षकों के माध्यम से प्रश्न पत्र बच्चों को घर पहुंचा दिए गए थे तथा बच्चों के द्वारा उसे हल कर स्कूलों में जमा किए गए थे. यह मूल्यांकन एक तरह से ओपन बुक एग्जाम की तरह हुआ था.
अप्रैल में भी स्कूल खुलने की संभावना नहीं दिख रही है:
कक्षा आठवीं से ऊपर के कक्षाओं में पठन-पाठन के कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए दिए गए आदेश के बाद यह संभावना जताई जा रही थी कि 1 अप्रैल से राज्य में सभी स्कूलों को 1 से लेकर 7वीं कक्षा के लिए भी खोल दिया जाएगा परंतु अब ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है. राज्य में एक बार फिर कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 1 अप्रैल से कक्षा 1 से 7 के लिए स्कूल को खोलने की संभावना नहीं दिख रही है. हालांकि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने पिछले माह ही इन कक्षाओं के लिए स्कूलों को खोलने का प्रस्ताव आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को भेजा था उस समय राज्य में कोरोना वायरस कम हो रहा था.