Skip to content
[adsforwp id="24637"]

JPSC ने सिविल सेवा परीक्षा पैटर्न में किया बदलाव, जाने क्या हुआ है बदलाव

झारखंड सरकार की तरफ से पिछले दिनों हुई कैबिनेट की बैठक के दौरान झारखंड लोक सेवा आयोग की नियमावली में बड़ा बदलाव किया है झारखंड लोक सेवा आयोग के द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षा साल 1951 की नियमावली के तहत ली जाती थी परंतु नई नियमावली के आने से अब परीक्षा है उसी के अनुसार ली जाएंगी.

जेपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा पैटर्न में भी बड़ा बदलाव किया है. सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा और दोनों प्रश्न पत्रों के कुल योग पर कोटीवर पास मार्क्स की गणना होगी. यानी अनारक्षित कोटे के विद्यार्थियों को अब पीटी के दो पेपर की परीक्षा में कुल मिलाकर 40 फ़ीसदी क्वालीफाइंग नंबर लाने होंगे. पहले प्रत्येक प्रश्न पत्र में 40 फ़ीसदी क्वालीफाइंग मार्क्स लाना अनिवार्य था. इसी प्रकार मुख्य परीक्षा में प्रश्न पत्र 3,4,5 और 6 कुल 800 अंक के होंगे. वहीं द्वितीय प्रश्न पत्र भाषा विषय 300 अंक का होगा. इसमें कुल 17 भाषाओं को शामिल किया गया है इस प्रकार मुख्य परीक्षा कुल 950 अंकों की होगी.

Also Read: झारखंड बनने के बाद 20 साल में पहली बार बदली JPSC सिविल सर्विसेस नियमावली, कैबिनेट से मिली स्वीकृति

परीक्षा में इंटरव्यू 100 अंकों का होगा और प्रथम पत्र के हिंदी और अंग्रेजी भाषा की परीक्षा 100 अंकों की होगी. हिंदी और अंग्रेजी भाषा में क्वालीफाइ करने के लिए कम से कम 30 अंक लाना अनिवार्य होगा. हालांकि, यह अब मेरिट लिस्ट निर्धारण में नहीं जुड़ेंगे यानी मुख्य परीक्षा में कुल 1050 अंक के आधार पर ही अनारक्षित मेरिट लिस्ट तैयार होगा. पिछली परीक्षाओ में पूरे 1150 अंक पर मेरिट लिस्ट तैयार की जाती थी. मुख्य परीक्षा में भी 5 पेपर के कुल पूर्णाक पर न्यूनतम अहर्तक कुल योग पर ही लागू होगा.