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Jharkhand News: झारखंड के युवा वर्ग के लिए खुशखबरी, दरोगा व सिपाही भर्ती में पहले होगी दौड़ फिर परीक्षा

Arti Agarwal
Jharkhand News: झारखंड के युवा वर्ग के लिए खुशखबरी, दरोगा व सिपाही भर्ती में पहले होगी दौड़ फिर परीक्षा 1

Jharkhand News: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने राज्य के युवाओं को एक बड़ी खुशखबरी दी है, झारखंड के दारोगा और सिपाही बनने की चाहत रखने वाले युवाओं को अब प्रथम स्तर पर दौड़ को पूरा करना होगा उसके बाद परीक्षा देनी होगी जिसके बाद उनकी चयन प्रक्रिया पूरी होगी और वह राज्य की सेवा में अपना सहयोग पुलिस की वर्दी पहन कर सकेंगे।

मंगलवार 21 जून को हुई कैबिनेट की बैठक में यह प्रस्ताव को पास किया गया है कि झारखंड में होने वाली दारोगा और सिपाही की भर्ती में पहले दौड़ की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी फिर लिखित परीक्षा के बाद विद्यार्थियों का चयन राज्य की पुलिस सेवा के लिए होगा. बता दें कि इससे पहले राज्य में लिखित परीक्षा पास करनी होती थी जिसके बाद दौड़ की प्रक्रिया संपन्न होती थी तब जाकर विद्यार्थियों का चयन झारखंड के पुलिस विभाग में हो पाता था परंतु अब इस नियम को बदल कर पहले शारीरिक मजबूती को प्राथमिकता दी गई है. झारखंड के विद्यार्थी शारीरिक रूप से काफी मजबूत होते हैं जिस कारण उन्हें पहले दौड़ के लिए मौका दिया जाएगा.

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BJP के शासनकाल में मुख्यमंत्री रहें रघुवर दास ने बदले थे कई नियम और कानून:

झारखंड की अधिकतर जनसंख्या गांव में निवास करती है और गांव के लोग खेती एवं किसानी को प्राथमिकता देते हैं जिस वजह से उनकी शारीरिक स्थिति मजबूत होती है। झारखंड में पूर्व की भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में मुख्यमंत्री रहे रघुवर दास ने झारखंड के पुलिस बहाली में कई नियम और कानूनों को बदला था जिनमें से एक यह भी नियम था कि सिपाही एवं दरोगा की बहाली में प्रथम स्तर पर लिखित परीक्षा को पास करना अनिवार्य था उसके बाद दौड़ की प्रक्रिया संपन्न होती थी तब जाकर विद्यार्थियों का चयन राज्य की पुलिस सेवा के लिए किया जाता था। प्रथम स्तर पर लिखित परीक्षा होने के कारण झारखंड के कई ऐसे विद्यार्थी थे जो पिछड़ जाते थे और उनका चयन नहीं हो पाता था जबकि रघुवर दास के मुख्यमंत्री रहने से पहले जब राज्य में शिबू सोरेन की सरकार थी तब पुलिस बहाली में दौड़ को प्राथमिकता दी जाती थी और पहले दौड़ की प्रक्रिया संपन्न होती थी लेकिन लिखित परीक्षा होने के कारण झारखंड के विद्यार्थी पिछड़ते थे और दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी परीक्षा को पास कर झारखंड की पुलिस सेवा में नियुक्त होते रहे हैं लेकिन वर्तमान की हेमंत सोरेन सरकार ने झारखंड के स्थानीय लोगों को लाभ देने के लिए और पुलिस सेवा में अधिक नियुक्ति करने के मद्देनजर दौड़ को प्राथमिकता दिया है.

झारखंड निर्माण के बाद राज्य के कई नियुक्ति वाले विभागों में उनकी नियमावली एकत्रित बिहार की नियमावली से नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होती थी परंतु हेमंत सोरेन की सरकार बनने के बाद झारखंड अपनी नियुक्ति नियमावली प्रत्येक विभागों में बना रही है ताकि स्थानीय और झारखंड के लोगों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके और वह सरकारी नौकरियों में नियुक्त हो सके। झारखंड बनने के 20 वर्षों में पहली बार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड लोक सेवा आयोग के लिए अपनी नियमावली बनाई है इसी तरह कई अन्य विभागों में भी नियुक्ति प्रक्रिया के लिए नियुक्ति नियमावली को बनाया गया है ताकि स्थानीय लोगों को अधिक से अधिक लाभ मिले.