UGC : अगले सत्र यानी नेक्स्ट एकेडमिक सेशन से एक वर्ष की पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री की शुरुआत हो सकती है। ऐसा होने पर देश में पहली बार मास्टर डिग्री एक साल में दी जाएगी। UGC
UGC: एनईपी पर आधारित हैं ये बदलाव
यूनिवर्सिटी ग्रैंट्स कमीशन के अध्यक्ष प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने इस बारे में मीडिया से बातचीत में बताया कि ये बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति यानी एनईपी 2020 पर आधारित हैं। इस बाबत काउंसिल की मीटिंग 3 नवंबर को हुई थी। इसमें PG प्रोग्राम के लिए सिलेबस और क्रेडिटवर्क को मंजूरी दे दी गई है। अभी तक हमारे देश में केवल दो साल के मास्टर प्रोग्राम की ही सुविधा थी लेकिन इसे मंजूरी मिलने के बाद एक साल में मास्टर डिग्री ली जा सकेगी।
UGC: विषय बदलने की होगी छूट:-
नए सिलेबस में मल्टीडिस्प्लिनरी पढ़ाई की छूट होगी। यानी जरूरी नहीं होगा कि जिस विषय या स्ट्रीम से यूजी किया है उसी से पीजी करें। सीयूईटी PG परीक्षा पास करके आप दूसरे विषय से भी पीजी कर सकते हैं। अगर यूजी में दो विषय रहे हैं और एक मेन और दूसरा साइड सब्जेक्ट रहा है तो साइड सब्जेक्ट से भी पीजी किया जा सकेगा। स्ट्रीम बदलने का भी ऑप्शन मिलेगा।
UGC: यूनिवर्सिटी के लिए निर्देश
विश्वविद्यालयों को दिशानिर्देश जारी कर इसकी जानकारी दी गई है। इस प्रस्तावित ढांचे के तहत उच्च शिक्षा संस्थानों (HEIs) में शैक्षणिक कार्यक्रमों में एकाधिक प्रवेश और एकल निकास की पेशकश की जा सकती है। प्रथम वर्ष के अंत में बाहर निकलने वाले छात्रों को पीजी डिप्लोमा से सम्मानित किया जाएगा। HEIs के पास मास्टर प्रोग्राम के विभिन्न डिजाइन रखने की सुविधा होगी।
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