News Desk: बुधवार को हुए केंद्रीय कैबिनेट ने कई अहम फैसले किए, अब केंद्र सरकार सरकारी नौकरियों के लिए एक ही परीक्षा कराएगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भर्ती के लिए नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) के गठन को मंजूरी दे दी है। एनआरए केंद्र सरकार की सरकारी नौकरियों के लिए एक कॉमन एलजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) कराएगी। इससे करीब ढाई करोड़ उम्मीदवारों को एक से अधिक परीक्षाओं में बैठने से छुटकारा मिलेगा। इसकी शुरुआत रेलवे, बैंकिंग और एसएससी की आरंभिक परीक्षाओं को मर्ज करने से होगी। बाद में अन्य परीक्षाएं भी इसमें शामिल की जाएंगी। इस साल बजट में ही इस एजेंसी के गठन का ऐलान कर दिया गया था।
साल में दो बार होंगी परीक्षा :
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि एनआरए साल में दो बार कामन सीईटी का आयोजन करेगी। अभी रेलवे भर्ती बोर्ड (आरबीएस) इंस्टीट्यूट आफ बैंकिंग पर्सनल सलेक्शन (आईबीपीएस) तथा कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) द्वारा आयोजित की जाने वाली आरंभिक परीक्षाओं को मर्ज किया जाएगा। इन परीक्षाओं में ग्रुप बी और सी के 1.25 लाख पदों के लिए करीब ढाई करोड़ उम्मीदवार बैठते हैं। लेकिन अभी उन्हें हर परीक्षा के लिए प्रारंभिक परीक्षा भी अलग-अलग देनी पड़ती है।
The #NationalRecruitmentAgency will prove to be a boon for crores of youngsters. Through the Common Eligibility Test, it will eliminate multiple tests and save precious time as well as resources. This will also be a big boost to transparency. https://t.co/FbCLAUrYmX
— Narendra Modi (@narendramodi) August 19, 2020
तीन साल तक मान्य रहेगी मेरिट सूची :
कार्मिक राज्य मंत्री डा. जितेन्द्र सिंह ने बताया कि नए फैसले के मुताबिक सीईटी में सफल उम्मीदवारों की एक मेरिट लिस्ट तैयार होगी, जो तीन साल तक मान्य रहेगी। हालांकि जो उम्मीदवार अपना स्कोर बेहतर करना चाहेंगे वे पुन परीक्षा में बैठ सकेंगे। जो उम्मीदवार प्रारंभिक परीक्षा में सफल होंगे उन्हें बैंक, रेलवे या एसएससी की दूसरे चरण की परीक्षा में शामिल होने के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने साफ किया कि सिर्फ आरंभिक परीक्षा एक होगी बाकी अन्य औपचारिकताएं और नियम पूर्व की भांति रहेंगे।
क्या होगा फायदा
-उम्मीदवारों को अलग-अलग आरंभिक परीक्षाओं से मुक्ति मिलेगी
– परीक्षाओं की तारीखें एक साथ आ जाने से एक परीक्षा छोड़नी पड़ती थी, जो अब नहीं होगी
– परीक्षा केंद्र अलग-अलग शहरों में पड़ते थे। अब यह समस्या खत्म हो जाएगी
-परीक्षाओं के लिए अब हर जिला मुख्यालय पर एक केंद्र होगा। दूर नहीं जाना होगा
– एक ही परीक्षा के लिए फीस भरनी होगी। यात्रा पर होने वाले खर्च में भी कमी आएगी
– रेलवे भर्ती बोर्ड, कर्मचारी चयन आयोग और आईबीपीएस के प्रतिनिधि संचालक मंडल में शामिल होंगे
– अभी परीक्षा के आवेदन से लेकर रिजल्ट आने में 12-18 महीने लगते हैं। सीईटी से यह समय घटेगा.