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#आदिवासी_हिन्दू_नहीं_है के साथ उठा #AdivasiTribalCensus2021 की मांग, जानिए क्यों हो रहा है ऐसा

हम हिंदू नहीं हैं हम आदिवासी हैं। सरकार 2021 में होने वाली जनगणना में आदिवासी धर्म के लिए अलग कोड और कॉलम निर्धारित करे. इस मांग को लेकर ट्वीटर पर ट्रैंड करवाया जा रहा है. लोगो की मांग है कि वर्ष 2021 के जनगणना प्रपत्र में आदिवासियों के लिए अलग कोड व कॉलम हो। जिससे आदिवसियों की संख्या का पता चल पाए.

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https://twitter.com/FOUNDERofMMES/status/1261894281058488320?s=20

कुछ आदिवासी संगठन लगातार ये मांग करते रहे है की आदिवासी धर्म को सरकार मान्यता दे. कुछ लोगो का कहना है की अंग्रेजो ने जनगणना में हमारे लिए जो शब्द इस्तेमाल किया था, हमें वही वापस दे दिया जाए। जबकि हमसे हमारी मूल पहचान छीनकर तमाम धर्मों के साथ जोड़ दिया गया है। हमें एक शब्द आदिवासी पर सहमत होकर कॉलम में देने की मांग करनी चाहिए। “1947 में 258 राजघरानों ने भी देश की आजादी के लिए लड़कर इस देश का बनाया था। पूरे देश की 65 प्रतिशत जमीन हमारी है। यह अनुच्छेद 244(1)भी कहता है। 1200 ईसा पूर्व यह देश गोंडवाना के नाम से होता था। उन्होंने हमें बांटकर फिर हमारा सबकुछ छीन लिया।”

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https://twitter.com/HansrajMeena/status/1261894111201812480?s=20

ट्राइबल आर्मी के संस्थापक हंसराज मीणा का कहना है की देशभर की सभी अनुसूचित जनजातियों की आगामी साल 2021 की जनगणना में पृथक आदिवासी धर्म कोड के साथ अलग कॉलम में जनगणना हो। केंद्र सरकार से आदिवासी समुदाय अब यही चाहता हैं। जल्द इस पर अमल व विचार करें।

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