झारखण्ड राज्य सौर नीति 2022 (Jharkhand Solar Policy) के तहत 1000 गांवों को सोलराइज करने के लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए प्रथम चरण में 2023 तक झारखण्ड के 200 गांवों को सोलराइज करने को दिशा में सरकार ने कदम आगे बढ़ा दिया है। ताकि गांवों को सोलराइज़ करके ग्रामीण अर्थव्यवस्था के आर्थिक विकास को बढ़ावा, बिजली आपूर्ति की विश्वसनीयता और गुणवत्ता में सुधार, ग्रामीण आय को बढ़ाना, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सौर को एकीकृत करके रोजगार का अवसर प्रदान किया जा सके।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर गिरिडीह को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां घरेलू उपभोक्ता के लिए कुल 17 मेगावाट एवं वाणिज्यिक सेक्टर के लिए 5 मेगावाट का रूफटॉप पॉवर प्लांट, एक मेगावाट सोलर स्ट्रीट लाइट एवं ग्राउंड माउंटेड सोलर पॉवर प्लांट 18 मेगावाट का लक्ष्य रखा गया है । प्रथम चरण में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 5 मेगावाट रूफटॉप लगाने की कार्यवाही चल रही है।
Jharkhand Solar Policy: कम्युनिटी बेस्ड सौर प्रतिष्ठानों के माध्यम से गांवों को बिजली
सौर नीति के तहत सरकार ग्रामीण क्षेत्रों और ग्रामीणों को सशक्त करना चाहती है। इसके लिए सभी अड़चनों को करने का कार्य किया जाएगा। जिससे स्वास्थ्य केंद्रों, स्कूलों, पुलिस स्टेशनों जैसी संस्थागत केंद्रों को सौर ऊर्जा से बिजली उपलब्ध कराई जा सके। साथ ही, ग्रामीणों द्वारा उपयोग किए जाने वाले दुकानों एवं कृषि कार्य में सौर ऊर्जा का उपयोग हो सके। सरकार का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित एमएसएमई को सशक्त करना भी है।
Jharkhand Solar Policy: रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान
नीति के तहत बिजली की अधिक खपत वाले गांवों को प्राथमिकता देने का कार्य किया जाएगा। मध्यम आकार के गांवों या अधिक छोटे समूहों की पहचान करने का निर्देश सरकार ने दिया है। साथ ही, गांव में कृषि उद्योग के अतिरिक्त नौकरी के अवसर सृजित करने पर अधिक जोर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारखण्ड के प्रत्येक जिले में चयन मानदंडों के आधार पर सौर गांवों में तब्दील किए जाने वाले गांवों की प्राथमिकता सूची की पहचान, चिन्हित गांवों की सूची उपायुक्तों के साथ साझा करने, गांवों में आजीविका को लेकर सौर ऊर्जा के नए प्रयोगों को लागू करने की संभावनाओं या क्षमता का आकलन करने, सामुदायिक सौर प्रतिष्ठानों के लिए उपयुक्त सरकारी और निजी भूमि वाले गांवों में भूमि बैंकों की पहचान कर नक्शा बनाने और गांवों की मांग को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित का निर्देश दिया है। किसानों को ध्यान में रखते हुए माइनर इरिगेशन में भी सौर ऊर्जा के उपयोग पर ध्यान देने का निर्देश मिला है।