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केंद्र ने झारखंड सरकार को दिए 572 करोड़, जलजीवन मिशन के तहत खर्च होगी राशि

झारखंड सरकार ने साल 2024 तक हर ग्रामीण परिवार को नल से जल पहुंचाने की योजना बनाई है. वर्तमान में झारखंड के 54 लाख ग्रामीण घरों में से, केवल 4.37 लाख घरों में चालू घरेलू नल कनेक्शन हैं. जलजीवन मिशन के तहत झारखंड के सभी 54 लाखों ग्रामीण परिवारों तक नल से जल पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने झारखंड सरकार को बड़ी मदद दी है.

जलजीवन योजना के तहत केंद्र सरकार ने 572 करोड़ रुपये झारखंड सरकार को मंजूर किए हैं. इसके साथ ही केंद्र ने झारखंड सरकार को इस योजना के लक्ष्य हासिल करने के लिए तेजी से काम करने की सलाह भी दी है.

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केंद्र ने वित्तीय वर्ष यानी 2020-21 में जल जीवन मिशन के लिए 572.23 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है. पिछले साल इस मद में 267.69 करोड़ रुपए दिए गए थे, जिसमें से 200 करोड़ से ज्यादा की धनराशि पूर्व की राज्य सरकार खर्च नहीं कर पाई थी.

यानी केंद्र से मिले 773 करोड़ से ज्यादा की धनराशि अब भी झारखंड सरकार के पास है. इसके साथ झारखंड को केंद्रीय निधि के रूप में 773.28 करोड़ देने का भी भरोसा दिया गया है. यानी राज्य के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले हर परिवार को नल का कनेक्शन देने के लिए 1,605.31 करोड़ रुपए उपलब्ध होंगे. इसके अलावा, राज्य के पीआरआई को 15वें वित्त आयोग अनुदान के रूप में 1,689 करोड़ रुपए मिलेंगे, जिसका आधा हिस्सा यानी 50% अनिवार्य रूप से पानी और स्वच्छता पर खर्च किया जाना है.

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राज्य सरकार ने 2024 तक हर घर को नल से जल देने का लक्ष्य तो बना लिया है, पर साल 2019-20 में केवल 98,000 नल कनेक्शन दिए जा सके हैं. वर्ष 2020-21 के दौरान राज्य 12 लाख घरों को नल का कनेक्शन देने की योजना है. इसके अलावा सरकार ने 15 ब्लॉक और 4,700 गांवों में हर परिवार तक भी नल से जल पहुंचाने की योजना बनाई है.

केंद्र ने कहा है कि इस योजना के तहत एससी-एसटी आबादी वाले गांवों, आदिवासी क्षेत्रों और बस्तियों को ध्यान में रखा जाए. केंद्र सरकार ने प्राथमिकताएं तय करते समय समानता और समावेश के सिद्धांत पर जोर देने की सलाह दी है.