लॉकडाउन की स्थिति को जानने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रीयो के साथ वीडियो कांफ्रेंस कर हालात का जायजा लिया साथ ही लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने पर भी विचार-विमर्श हुआ. इस वीडियो कांफ्रेंस में झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी मौजूद रहे. हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से झारखण्ड की स्थिति को बताते हुए उन्होंने कहा की लॉकडाउन से काफी परेशानी हो रही है.
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लॉकडाउन की वजह से राजस्व के तमाम स्त्रोत बंद हैं इसलिए केंद्र सरकार से हमारी मांग है की राज्य को हज़ारो करोड़ जो बकाया है उसे दिया जाये साथ ही मनरेगा के तहत मजदूरी दर बढ़ाकर न्यूनतम 300 रुपये प्रतिदिन किया जाए.
आदरणीय प्रधानमंत्री जी के साथ आयोजित वीडियो कांफ्रेंसिंग में लॉक डाउन को लेकर चर्चा के साथ-साथ जीएसटी राशि, भारत सरकार के उपक्रमों पर राज्य को देने वाला हज़ारों करोड़ों का बकाया, मनरेगा मजदूरी में बढ़ोत्तरी एवं राज्यवासियों के लिए आर्थिक मदद, आदि प्रदान करने हेतु आग्रह किया। pic.twitter.com/QDZKpT8q7P
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) April 11, 2020
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पीएम मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में सीएम हेमंत ने कहा कि झारखंड प्रदेश आदिवासी दलित बहुल प्रदेश है। लगभग चालीस प्रतिशत लोग इन्हीं वर्ग से हैं। इसे लेकर झारखंड में हमेशा आर्थिक दबाव बना रहा है। अभी लॉकडाउन में राजस्व स्त्रोत बंद हैं। केंद्र से वांछित मद में राशि अभी प्राप्त नहीं हो पाई है। झारखंड में बड़े पैमाने पर भारत सरकार के उपक्रम कार्यरत हैं। चाहे वह सेल हो या सीसीएल हो या कोई अन्य उपक्रम। इनके पास हमारी बड़ी राशि बड़े पैमाने पर बकाया है। उस राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा जीएसटी की राशि भी अभी तक उपलब्ध नहीं हुई है। सीएम ने कहा कि यह अगर कराया जाए तो हमें कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने में बहुत सहूलियत होगी।
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साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा की लॉकडाउन की वजह से लोगो के पास रोजगार नहीं है ऐसे में उनके सामने भुखमरी की समस्या न उत्पन्न हो जाये इसे ध्यान में रखते हुए राज्यवासियो के लिए आर्थिक मदद की जरुरत है ताकि हमे कोरोना जैसी महामारी से लड़ने में मदद मिल सके.