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आजसू का चूल्हा प्रमुख सम्मेलन भी नहीं आया काम, महिलाओं ने दिया INDIA को साथ

आजसू का चूल्हा प्रमुख सम्मेलन भी नहीं आया काम, महिलाओं ने दिया INDIA को साथ 1

झारखंड के डुमरी उपचुनाव का रिजल्ट आ गया है। दिवंगत नेता जगन्नाथ महतो के कामों,‌ उनके  1932 के मांग और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए डुमरी की जनता ने जो वोट दिया है, उससे INDIA प्रत्याशी बेबी देवी ने NDA (आजसू) प्रत्याशी यशोदा देवी को 17000 से अधिक वोटों का अंतर से करारी शिकस्त दी। डुमरी उपचुनाव के दौरान आजसू, झामुमो, भाजपा और कांग्रेस नेताओं ने तरह-तरह के बयान दिए। लेकिन इन बयानों में जो एक सबसे चर्चित बयान था, वह आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने दिया था। उपचुनाव को लेकर आजसू पार्टी के निकले पद यात्रा में सुरेश महतो ने कहा था कि ‘डुमरी में धन हारेगा और जन जीतेगा’। सुदेश ने ठीक ही कहा था। डुमरी उपचुनाव के रिजल्ट में यह बात सही साबित हो गई है कि आजसू का धन बुरी तरह से हारा है और झामुमो का जन समर्थन जीता है।

आजसू का चूल्हा प्रमुख नीति से दिया गया धन हारा?

सबसे पहली बात आजसू पार्टी के धन की। उपचुनाव के दौरान यह बात पूरे डुमरी में जोरों से थी कि आजसू पार्टी अपने चूल्हा प्रमुख सम्मेलन की नीति के द्वारा बड़े पैमाने पर धन को बांट रहा है। धन देने की बात लिफाफे के माध्यम से देने की बात सामने आई थी। तभी तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने जनसंपर्क अभियान के दौरान डुमरी की जनता विशेष कर महिलाओं से कहा था कि चूल्हा प्रमुख के नाम पर जो लिफाफा मिल रहा है उसे रख लें। हमलोग विधायक के लिए नहीं मंत्री के लिए वोट मांग रहे हैं। डुमरी की जनता ने मुख्यमंत्री की इस बात को स्वीकारा और INDIA प्रत्याशी बेबी देवी को अपना आशीर्वाद प्रदान किया।

जगरनाथ दा के 1932 की मांग को भी डुमरी की जनता ने स्वीकारा, भाजपा को दिया कड़ा संदेश।

डुमरी की जीत में दिवंगत नेता जगन्नाथ महतो 1932 की मांग का भी जनसमर्थन मिला। 11 नवंबर 2022 को झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र बुलाकर 1932 को पारित किया गया था और उस के सबसे बड़े अगुआ जगन्नाथ महतो रहे थे। स्थानीयता के मुद्दे पर हमेशा से मुकर रहने वाले जगन्नाथ महतो ने झारखंड के मुद्दों को लेकर वह अपनी बात बेबाकी से रखते थे। जगरनाथ महतो ने 1932 पारित होने के साथ ही शिबू सोरेन से मुलाकात कर एक विशेष चादर पहनाया था जिसमें 1932 उकेरा हुआ था। झारखंडी विचारधारा का इनका समर्थन इतना मजबूत था कि इन्होंने अपने वाहन का नंबर तक 1932  ले रखा था। डुमरी की जीत ने भाजपा को भी एक कड़ा संदेश दिया है कि अगर वह 1932 का खतियान का समर्थन नहीं करती है तो 2024 में राज्य से सुपड़ा साफ करने में भी जनता पीछे नहीं रहेगी।

पति का ही रिकॉर्ड तोड़ा अब अधूरे काम को करेंगी पूरी।

डुमरी की जीत का सबसे ज्यादा असर यह रहा कि झामुमो प्रत्याशी बेबी देवी ने अपने पति और दिवंगत नेता जगरनाथ महतो का रिकॉर्ड तोड़ा। 2019 के विधानसभा चुनाव में जगरनाथ महतो को 71,128 वोट मिले थे। जबकि 2014 में हुए चुनाव में उन्हें कुल 77984 वोट मिले थे। 2019 के विधानसभा चुनाव में आजसू को 36,840 और भाजपा को 36,013 वोट मिले थे। वहीं, 2023 के उपचुनाव में मंत्री बेबी देवी को 1,00,231 और आजसू प्रत्याशी यशोदा देवी को 83,075 वोट मिला। जीत का अंतर 17 हजार 156 वोटों का रहा। बेबी देवी अब मंत्री रहते अपने पति स्व. जगरनाथ महतो के अधूरे कामों को पूरा करेगी।

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