Skip to content

पूर्व जस्टिस एल.पी.एन शाहदेव की पुण्यतिथि पर बाबूलाल मरांडी सहित अन्य भाजपा नेताओं ने दी श्रध्दांजलि

Arti Agarwal

पूर्व जस्टिस एल.पी.एन शाहदेव की पुण्यतिथि प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी को मनाई जाती है. जस्टिस शाहदेव झारखंड के पहले भूमि पुत्र थे जिन्हें उच्च न्यायालय में न्यायाधीश बनने का गौरव प्राप्त हुआ था. सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने खुलकर अलग राज्य के आंदोलन से जुड़कर अपनी बातें रखी थी.

जस्टिस शाह देव के बारे में कहा जाता है कि 1998 में उन्हें सर्वदलीय अलग राज्य निर्माण समिति के संयोजक के रूप में आंदोलन की कमान संभालने दी गई थी. यह एक ऐसा दौर था जब राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा, भारतीय जनता पार्टी, आजसू पार्टी, वामदल और जदयू सहित विभिन्न विचारधारा के दल अलग राज्य के गठन के लिए एक मंच पर आए थे. इसी दौरान 21 सितंबर को बंद के बीच जुलूस का नेतृत्व करते हुए न्यायमूर्ति शाह देव को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था.

Also Read: मानवता हुई शर्मसार, गढ़वा में अंतिम संस्कार के लिए ठेले पर लाद कर भेजा गया शव

जस्टिस शाह देव की गिरफ्तारी के बाद राज्य सहित पूरे देश का माहौल गर्म हो गया था क्योंकि इससे पहले कभी भी उच्च न्यायालय का कोई न्यायाधीश आंदोलन के क्रम में गिरफ्तार नहीं हुआ था. यूं तो जस्टिस शाहदेव एक राजपरिवार से तालुकात रखते थे. परंतु उन्हें जानने वाले लोग यह कहते हैं कि उनका आचरण कभी भी एक राज परिवार के सदस्य के तौर पर नहीं देखा गया उनकी जीवन शैली आम लोगो की तरह ही थी.

Also Read: बांस के बने धनुष से नहीं, आधुनिक रिकर्व धनुष से लक्ष्य भेदेंगे झारखण्ड के धनुर्धर

बता दें कि जस्टिस शाह देव का जन्म झारखंड के लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड के रोल गांव में हुआ था. स्कूल की प्रारंभिक पढ़ाई उन्होंने अपने गाँव से ही की थी और यहां से ही उन्होंने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में लंबा सफर तय किया था. प्रत्येक वर्ष 9 जनवरी को उनकी पुण्यतिथि मनाई जाती है. साल 2021 में भी उनकी पुण्यतिथि मनाई गई जिसमें भाजपा विधायक दल के नेता मुख्य रूप से मौजूद रहे. भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी सहित भाजपा सांसद संजय सेठ, पूर्व मंत्री और विधायक सीपी सिंह, रांची नगर निगम के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय सहित अन्य लोग मौजूद थे. सभी लोगों ने जस्टिस शाह देव की प्रतिमा पर श्रद्धा के पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया.