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जिला प्रशासन का बड़ा फैसला- कार्यो में लापरवाही करनेवाली एएनएम होंगी कार्यमुक्त

नयी सरकार बनने बाद प्रशासन हरक़त में है. हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने के बाद ट्विटर पर मिल रही शिकयतों का हेमंत सोरेन खुद संज्ञान ले रहे है.

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मुख्यमंत्री जिले के उपायुक्तों को मामले की जाँच करने का आदेश देते है और उपायुक्त मामले की जाँच करके मुख्यमंत्री को सूचित कर रहे है. मुख्यमंत्री ने स्वास्थ सेवाओं में कोताही बरतने वाले अधिकारियो ऊपर कडी करवाई आदेश दिया है जिसके बाद कई जिला उपायुक्त हरकत में आये है तो कई जिला ऐसा भी है जहाँ मुख्यमंत्री बातो को तवज्जों नहीं दिया जा रहा है.

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गढ़वा जिले मेँ स्वास्थ्य व्यवस्थाओ के सुधार के उद्देश्य से उपायुक्त हर्ष मंगला के द्वारा जिले के स्वास्थ्य उप केन्द्रो के अप्रैल 2019 से दिसंबर 2019 के बीच की प्रगति की समीक्षा की गयी. इसकी जानकारी देते हुये उपायुक्त ने बताया की इस दौरान अच्छे और ख़राब प्रदर्शन करने वाले उप स्वास्थ्य केन्द्रो को चिन्हित किया गया है. 50 से काम रैंकिंग लाने वाले उप स्वास्थ्य केन्द्रो में कार्यरत एएनएम को ख़राब प्रदर्शन के लिए चेतावनी दे गयी है. और सुधार के लिए अवसर प्रदान किया जायेगा ताकि अगले आंकलन में उनके केन्द्रो का प्रदर्शन अच्छा हो सके.

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उन्होंने बताया की यह आंकलन गर्भवती माहिलाओ के एएनसी के लिए निबंधन, प्रथम त्रैमाह में एएनसी जाँच, फुल इम्यूनेशन तथा संस्थागत प्रसव के बिंदुओं पर किया गया. निति आयोग के द्वारा भी इन मानकों में सुधर के लिए प्रयास किया जा रहा है. इस अवधि में गर्भवती महिलाओ के निबंधन तथा त्रैमाह में एएनसी जाँच में लगातार ख़राब काम करने वाली प्रत्येक सामुदायिक केंद्र क्षेत्र अधीन कार्यरत एक-दो एएनएम को सेवा मुक्त करने की कार्यवाई की जायेगीadsApp Link: bit.ly/30npXi1