राज्य की हेमंत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. कोरोना वायरस की वजह से पूरा देश लॉकडाउन है, रोज काम करके अपने परिवार को चलाने वाले मजदूरों के पास काम का आभाव हो चूका है. खाने के लिए राशन चाहिए और उसे खरीदने के लिए पैसे, लेकिन पैसे तभी आएंगे जब लोग काम करेंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहले भी ये कहा है की लॉकडाउन के दौरान हर संभव मदद किया जायेगा।
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लॉकडाउन की वजह से कोई भी गरीब परिवार भूखा नहीं रहे इसे लेकर झारखण्ड की हेमंत सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. ग्रामीण विकास विभाग ने ये फैसला लिया है की प्रत्येक विधायक 50 की राशि देंगे जिससे झारखण्ड के गरीब परिवारों को प्रत्येक माह 1000रु की सहायता राशि दी जा सके. राज्य के 4 लाख पांच हज़ार गरीब परिवारों को इसका लाभ मिलेगा।
ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम ने राज्य सरकार ने ये फैसला लिया है की प्रत्येक विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र में 50 लाख की राशि से गरीब परिवारों को 1000रु प्रतिमाह देंगे और ये तीन महीनो तक चलेगा।
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इस घोषणा के साथ झारखण्ड पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने विधायकों को निर्देश दिया है की वे गरीब परिवारों को 1000रु की सहायता तीन महीनो तक देंगे। मंत्री आलमगीर आलम ने कहा की राज्य में किसी भी परिवार को भूखा नहीं रहने दिया जायेगा। राज्य सरकार प्रदेश की जनता के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. राज्य के बाहर भी कई लोग फंसे है उन्हें भी भोजन सहित जरुरी सामान मुहैया कराने के लिए मुख्यमंत्री जी के दिशा निर्देश पर काम चल रहा है