झारखंड के हेमंत सोरेन सरकार की 1 वर्षों का कार्यकाल 29 दिसंबर को पूरा हो जाएगा चुनाव से पूर्व झारखंड मुक्ति मोर्चा और उसकी सहयोगी दल कांग्रेस पार्टी की तरफ से किसानों को लेकर भारी भरकम घोषणा की गई थी लेकिन चुनावी वादे धरातल पर उतर दे पूरी तरह से नहीं दिखाई दे रहे हैं सत्ताधारी दलों के द्वारा चुनाव में यह वादा किया गया था कि सरकार बनने के बाद किसानों की ऋण को माफ किया जाएगा लेकिन एक साल होने के बाद भी ऐसा अब तक नहीं हो पाया है यह बातें झारखंड भाजपा के नेताओं का कहना है.
झारखंड के मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभा रही भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई ने राज्य के विभिन्न मंडलों में आपदाओं को निर्देश दिया है कि वह राज्य सरकार के द्वारा किसानों के हित में किए गए वादे को पूरा नहीं करने को लेकर विरोध प्रदर्शन करें कार्यकर्ताओं को आदेश दिया गया है कि 4 दिसंबर को विभिन्न मंडलों में कार्यकर्ता सड़कों पर उतर कर राज्य सरकार को यह याद दिलाएं कि उन्होंने किसानों के ऋण को माफ करने की बात कही थी लेकिन उनका अब तक ऋण माफ नहीं हो पाया है.
बता दे कि केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानून के विरोध में दिल्ली की सड़कों पर किसान आंदोलन कर रहे हैं लेकिन उसके उलट झारखंड की भाजपा सरकार यूपीए गठबंधन के तहत चल रही झारखंड में राज्य सरकार को घेरने के लिए तैयारी कर रही है कांग्रेस और झामुमो की तरफ से नए कृषि कानून को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर लगातार हमले किए जा रहे हैं झारखंड भाजपा राज्य सरकार के द्वारा किसानों से किए वादे को याद दिलाने के लिए कर एक बैकअप के रूप में केंद्र की आलोचना पर उन्हें खुद के किए गए वादे को याद दिलाने का प्रयास किया जा रहा है