झारखंड सरकार को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है. केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की तरफ से एक बार फिर झारखंड को झटका देते हुए ऊर्जा मंत्रालय ने दामोदर घाटी निगम का बकाया वसूलने के लिए राज्य के आरबीआई खाते से एक बार फिर पैसे काट लिए हैं.
दामोदर घाटी निगम के बकाए पैसे देने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के आरबीआई खाते से पूर्व में 1417.50 की पहली किस्त काट चुकी है. अब दोबारा आरबीआई ने राज्य के खाते से 714 करोड़ काट लिए हैं. मंगलवार को ही ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव ने त्रिपक्षीय समझौता रद्द करने की जानकारी केंद्र को दी थी. आग्रह किया था कि केंद्र सरकार आरबीआई में झारखंड के खाते से राशि की कटौती नहीं करें. केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव संजीव एन सहाय ने आरबीआई गवर्नर को डीओ लेटर जारी कर त्रिपक्षीय समझौते के तहत झारखंड सरकार के खाते से डीवीसी के बकाया 2114.18 करोड़ वसूलने के लिए 714 करोड काट कर केंद्र सरकार के खाते में जमा करने को कहा था.
आरबीआई ने कार्रवाई कर दी है और राज्य सरकार के खाते से 714 करोड़ काट लिए हैं. पहली किस्त के तौर पर अक्टूबर 2020 में 1417.50 करोड रुपए के रूप में काटी गई थी और अब दूसरी किस्त काटी गई है. आरबीआई के द्वारा काटे गए पैसे के कारण झारखंड की वित्तीय स्थिति एक बार फिर डगमगा सकती है. दरअसल, राज्य में हेमंत सोरेन की सरकार बनने से पूर्व डीवीसी को 5000 करोड रुपए से अधिक का बकाया था. राज्य में सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित सत्ताधारी पार्टियां यह कहती रही है कि राज्य का खजाना पूर्व की सरकार ने खाली कर दिया. साथ ही अतिरिक्त बोझ भी कर्ज का डाल रखा था. जिसे धीरे-धीरे समाप्त किया जा रहा था. इस बीच कोरोनावायरस संक्रमण से उपजी स्थिति से निपटने के लिए भी अत्यधिक पैसों की जरूरत थी और इस दौरान राज्य की वित्तीय स्थिति काफी बिगड़ी है.
केंद्र सरकार के द्वारा डीवीसी को बकाया राशि देने के लिए राज्य सरकार के आरबीआई खाते से काटे गए पैसे के कारण राज्य की स्थिति और प्रतिकूल होगी. दूसरी तरफ एनटीपीसी का लगभग 2100 करोड़ रुपए बकाया है. एनटीपीसी भी राज्य सरकार पर दबाव बना रहा है.