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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिए आदेश, धनबाद नगर निगम में 200 करोड़ के घोटाले की ACB करेगी जाँच

News Desk
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिए आदेश, धनबाद नगर निगम में 200 करोड़ के घोटाले की ACB करेगी जाँच 1

झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भ्रष्टाचार के मामलो को सख्ती से निपट रहे है. इन दिनों CM सोरेन भ्रष्टाचार के मामलो में उच्च स्तरीय जाँच का आदेश दे रहे है. पिछले एक सप्ताह से मुख्यमंत्री ने छः से अधिक मामलो की उच्चस्तरीय जाँच की अनुमति दी है.

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आदेश दिया है की धनबाद नगर निगम में 14वें वित्त आयोग की योजना में लगभग दो सौ करोड़ रुपए के प्राक्कलन घोटाले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ( ACB ) करेगी. ज्ञात हो कि 14 वें वित्त आय़ोग की राशि से धनबाद नगर निगम में 40 सड़कें स्वीकृत की गई थीं. इनमें से कई पीसीसी सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता की कमी समेत कई खामियों होने की शिकायत की गई हैं.

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इन 40 सड़कों में से 27 सड़कों का प्राक्कलन नगर निगम के ही तकनीकी पदधिकारियों द्वारा बनाया गया और इसके डीपीआर बनाने के एवज मे कोई परामर्शी शुल्क का भुगतान किसी भी परामर्शी एजेंसी को नहीं किया गया, लेकिन 13 सड़कों के साथ नाली, एलईडी लाइट, पेबर ब्लॉक आदि का प्रावधान होने की वजह से परामर्शी एजेंसी M/S Mass & Void से इसका डीपीआर औऱ डिजाइन परामर्श शुल्क देकर तैयार कराया गया,

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इन 13 सड़कों की कुल प्राक्कलित राशि 156.33 करोड़ रुपए है. लेकिन इन सड़कों के डीपीआर का अवलोकन ले पता चला कि किसी भी डीपीआर में डिजाइन संलग्न नहीं है . इसके अलावा डीपीआर में तकनीकी प्रतिवेदन भी नहीं है. इसके अलावा भी सड़कों के निर्माण में कई खामियों और तकनीकी प्रावधानों के उळ्लंघन की शिकायत की गई है.

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ACB को आदेश देने के बाद ऐसा कहा जा रहा है की धनबाद नगर निगम के भाजपा महापौर चंद्रशेखर अग्रवाल पर गाज गिर सकती है और वो मुश्किल में आ सकते है. अगर ऐसा होता है तो आने वाले दिनों में सियासत भी जमकर होने की उम्मीद है क्यूंकि महापौर भाजपा के नेता है और उनके ही आदेश पर इन कार्यो को करवाया गया है.

लगाए गए हैं ये आरोप:

  1. धनबाद नगर निगम में 14वें वित्त आयोग की राशि से बनने वाली सड़कों का परामर्शी से डीपीआर तैयार कराकर महापौर चंद्रशेखर अग्रवाल के निर्देश पर पहले से अच्छी स्थिति की पीसीसी सड़कों को ही तोड़कर प्राक्कलित राशि कई गुना बढ़ाकर फिर से पीसीसी सड़कों का ही निर्माण करा दिया गया.
  2. परमर्शी M/S Mass & Void को परामर्शी शुल्क के रुप में बढ़े हुए प्राक्कलन के अनुसार मोटी रकम देकर 50 प्रतिशत राशि महापौर के द्वारा वसूले जाने का आरोप.
  3. जिन पीसीसी सड़कों का निर्माण कराया गया है, उसकी गुणवत्ता निम्नस्तरीय है.

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CM ने जल संसाधन विभाग में पिछले तीन साल की सभी निविदाओं की जांच कराने का दिया आदेश:

जल संसाधन विभाग के अंतर्गत पिछले तीन सालों में आमंत्रित और निष्पादित किए गए सभी निविदाओं (टेंडर) की जांच कराने का आदेश मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने दिया है. जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाना है. इस समिति को जांच कर 30 जून 2020 तक प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश दिया गया है. इस उच्च स्तरीय समिति का गठन पथ निर्माण विभाग में गठित उच्चस्तरीय समिति के अनुरुप किया जाना है, जिसके अध्यक्ष विकास आयुक्त होते हैं.

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निविदाओं में निर्धारित दरों की समीक्षा:

उच्चस्तरीय समिति द्वारा विभाग में प्रचलित अनुसूचित दरों तथा उसके निर्धारण के प्रक्रिया की समीक्षा करेगी. इसके साथ इसमें अगर किसी तरह की विसंगति पाई जाती है तो उसकी जांच करेगी. इसके अलावा निर्धारित किए गए अनुसूचित दरों के आधार पर निष्पादित निविदाओं के सैंपल की जांच भी होगी. इसके लिए उच्चस्तरीय समिति एक तकनीकी समिति का गठन भी कर सकती है. तकनीकी समिति के मनोनयन और उसकी संख्या का निर्धारण उच्चस्तरीय समिति ही करेगी.