मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पुरे फॉर्म में है. राज्य वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों को राज्य में ही कैसे रोजगार दिए जाये इसपर अपनी रणनीति तैयार करने में जुट गए है. कुछ दिनों पहले ही मुख़्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 3 बड़ी योजनाओं की शुरुआत की है. जिससे की गाँव में रहने वाले मजदूरों को बड़ी मात्रा में रोजगार मिल सके उसे देखते हुए योजनाओं को शुरू किया गया है.
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झारखंड सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से सोमवार को तीन योजनाओं की शुरुआत की है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा तैयार बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना और वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना की शुरुआत की है
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मंगलवार को CM सोरेन नामकुम स्थित लाह रिसर्च इंस्टीट्यूट पहुँचे और वहाँ हो रहे कार्यो का जायजा लिया। कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन होने की वजह से राज्य की अर्थव्यवस्था चरमरा गयी है जिसे पटरी पर लाने की कवायद शुरू हो चुकी है साथ ही बाहर से आ रहे लोगो को रोजगार देने पर भी मंथन शुरू हो चूका है.
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लाह रिसर्च इंस्टीट्यूट पहुँच कर हेमंत सोरेन ने लाह से बनने वाले समानो सहित अन्य चीज़ो की पूरी जानकारी ली की कैसे लाह के जरिये लोगो को रोजगार दिया जा सके. लाह के जरिये रोजगार के कौन से अवसर दिए जा सकते है इसपर चिंतन-मंथन का दौर जारी है. साथ ही सीएम झारखण्ड के उन सभी जगहों की जानकारी जुटा रहे है जहाँ से रोजगार के अन्य अवसर प्राप्त हो सके और ज्यादा से ज्यादा लोगो को राज्य में ही रोजगार दिया जा सके ताकि उन्हें राज्य से बाहर न जाना पड़े.
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राज्य के मुखिया सोरेन का मानना है की ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर अगर हम अपने राज्य में पैदा करेंगे तो राज्य के मजदूर जो बड़ी संख्या में दुसरे राज्य जा कर काम करते है उन्हें घर में रोजगार मिल पायेगा। इसके साथ ही हम पलायन को रोक पाने में सक्षम होंगे। इस महामारी के समय ज्यादा से ज्यादा लोगो को रोजगार कैसे दिया जाये हम इसपर काम कर रहे है.