झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एनएमसी और देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को एक बार फिर पत्र लिखकर झारखंड के 3 मेडिकल कॉलेजों में नामांकन लेने वाले छात्र-छात्राओं के नए प्रवेश को नहीं रोकने के लिए पुनर्विचार करने की मांग की है मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि काउंसिल से अनुरोध है कि नए नामांकन नहीं लेने के निर्णय के संबंध में पुनर्विचार करें ताकि राज्य के योग्य छात्रों के भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके
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क्या है मामला और क्यो लगी है रोक:
NEET के द्वारा परीक्षाफल प्रकाशित होने के बाद मेडिकल की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक वर्ष 2020 21 के लिए नामांकन की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है परंतु नेशनल मेडिकल काउंसिल की तरफ से झारखंड के दुमका पलामू और हजारीबाग में नवनिर्मित मेडिकल कॉलेजों में काउंसलिंग द्वारा आधारभूत संरचना और फैकल्टी की कमी बताकर नये नामांकन नहीं लेने का आदेश जारी किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि लोग डाउन की वजह से नवनिर्मित कॉलेजों में आधारभूत संरचना समेत कुछ कार्य होने शेष हैं लेकिन राज्य सरकार मेडिकल कॉलेजों की जरूरतों और काउंसिल के नॉर्मल को पूरा करने के लिए पूरी तरह से जागरूक और प्रतिबद्ध है जिससे आदिवासी बहुल इस राज्य के छात्रों की उम्मीद व्यर्थ ना जाए बता दें कि इससे पूर्व भी मुख्यमंत्री ने 5 नवंबर को एनएमसी को पत्र लिखकर तीनों मेडिकल कॉलेजों में नामांकन नहीं लेने के आदेश पर पुनर्विचार करने की मांग कर चुके हैं.
Further to my previous appeal to #NMC to reconsider decision to stop fresh admission of students in the 3 Medical Colleges of Hazaribagh, Palamu and Dumka, I have spoken to Union Health Minister @drharshvardhan'ji & requested him to take timely consideration for students future. https://t.co/Hm3jVtaRiX pic.twitter.com/H4T3bEw96p
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) December 3, 2020