मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन (CM Hemant Soren) ने आज लातेहार जिले में आयोजित पलामू प्रमंडल स्तरीय बिरसा किसान समारोह में शामिल हुए और किसानों को बिरसा किसान सम्मान समारोह में योजनाओं का शिलान्यास और लाभुकों को सम्मानित किया.
सीएम ने बिरसा किसान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड के लिए आज का दिन बेहद खास है। यह दिन बिरसा किसानों के नाम लिखा जाएगा । राज्य के सभी प्रखंडों में आज एक साथ समारोह का आयोजन कर बिरसा किसानों को सम्मानित किया जा रहा है। इन समारोह में 10 लाख से ज्यादा अन्नदाता शिरकत कर रहे हैं । इस अवसर पर लगभग एक लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि और किसान को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। अन्नदाता सशक्त और स्वावलंबी बने, किसानों की जिंदगी में आमूलचूल बदलाव आए। इसके लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की है। आप इन योजनाओं से जुड़े और खुद के साथ राज्य को उन्नति की राह पर ले जाने में योगदान दें।
5 माह में केसीसी के तहत 1313 करोड़ रुपए की स्वीकृति:
मुख्यमंत्री ने बताया कि बिरसा किसानों की आय को दोगुना करने हेतु सरकार कृत संकल्प है। सरकार कृषि उद्यमिता को बढ़ावा दे रही है। कृषि क्षेत्र में नवीन तकनीकों, नवाचार और आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल कर उत्पादन को बढ़ाया जा रहा है। इस कड़ी में किसानों को पूंजी की किल्लत नहीं हो, इसके लिए पिछले 5 महीने में ही केसीसी के तहत 1313 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। जिससे 1लाख 25 हज़ार किसानों को फायदा पहुंचा है।
किसानों के मान सम्मान से बड़ा कुछ भी नहीं:
झारखंड की ग्रामीण पृष्ठभूमि खेती और पशुपालन है। यह यहां के ग्रामीणों का आर्थिक आधार है। अन्नदाता के बिना जिंदगी की बात करना भी बेमानी होगी। ऐसे में हमारा फर्ज बनता है कि हम अपने अन्नदाताओं को पूरा मान सम्मान दें। उनके आशीर्वाद से ही आगे बढ़ने का राह प्रशस्त होगा। हमारी सरकार किसानों को मान- सम्मान के साथ आगे बढ़ने के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने का संकल्प लिया है।
व्यवस्था को बदलने की शक्ति रखते हैं किसान, किसान मजबूत होंगे तो गांव और राज्य मजबूत होगा:
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हमारे किसानों में इतनी ऊर्जा, ताकत और क्षमता होती है कि वे अपने दम पर व्यवस्था को बदल सकते हैं। किसान किसी के मोहताज नहीं होते हैं। हमारा दायित्व है कि किसानों को उनका हक और अधिकार दें। यही वजह है कि हमारी सरकार किसानों के हित में 24 घंटे सातों दिन कार्य कर रही है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मुख्य धूरी कृषि और पशुपालन के इर्द-गिर्द घूमती है । ऐसे में हम दावे के साथ कह सकते हैं कि जब तक किसान मजबूत नहीं होंगे, हमारा गांव, प्रखंड, जिला और राज्य मजबूत नहीं होगा। ऐसे में कृषि और पशुपालन को विशेष तरजीह देते हुए सरकार तमाम योजनाएं चला रही है, ताकि किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बना कर राज्य को भी विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा कर सकें। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अफसोस जताते हुए कहा कि अनाजों के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। लेकिन, लेकिन इन अनाजों को जो अपनी मेहनत से उपजा रहे हैं, उन्हें उसका लाभ नहीं मिल रहा है। इससे किसानों को आखिर हम कैसे सशक्त बना सकते हैं। उनकी आमदनी कैसे बढ़ा सकते हैं। हमें इस बात पर विशेष गौर करने की जरूरत है, ताकि किसानों को उनको मेहनत के अनुरूप उसका फायदा दिला सके।
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राज्य भर के किसनों की 900 करोड़ रुपए की ऋण माफी को स्वीकृति:
CM ने कहा कि अलग राज्य बनने के बाद झारखंड में पिछले 20 सालों में जहां किसानों का मात्र 400 करोड़ रुपए ऋण माफ हुआ। वहीं, हमारी सरकार ने किसानों के 900 करोड़ रुपए के ऋण माफी की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इतना ही नहीं, जिन किसानों का ऋण माफ किया गया है, उन्हें फिर से केसीसी का लाभ देने का काम किया जा रहा है ।
विकास के लिए कई लोगों ने कुर्बानियां दी, पर पलायन नहीं थम रहा, झारखंड वासियों के रोजगार, स्वावलंबन और सशक्तिकरण पर फोकस:
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के अंतिम में कहा कि राज्य के विकास के लिए कई लोगों ने अपनी कुर्बानियां दी, लेकिन उसका लाभ उन्हें नहीं मिल सका। आज भी रोजी -रोजगार के लिए लोगों का पलायन जारी है। हमारी सरकार ने यहां के युवा वर्ग को अपने ही गांव और घर में रोजगार देने के लिए कई योजनाएं शुरू की है और इसका वे लाभ भी उठा रहे हैं। राज्य वासियों के रोजगार, स्वावलंबन, सशक्तिकरण और विकास के लिए सरकार ने कई योजना शुरू की है। हमारी कोशिश है कि इस राज्य की जनता को सरकार की सभी योजनाओं का लाभ मिल सके। इसमें आमजन को भी अहम भागीदारी निभाने की जरूरत है।