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झारखण्ड लौट रहे मजदूरों के लिए CM हेमंत सोरेन ने 3 योजनाओं की शुरुआत की है, जानिए क्या खास

tnkstaff

कोरोना महामारी के फैलाव को रोकने के लिए सम्पूर्ण देश में लॉकडाउन जारी है. झारखण्ड के प्रवासी मजदूर अब भी बड़ी संख्या में देश के विभिन्न राज्यों में फंसे हुए है. उन्हें लाने की भी चुनौती है और रोजगार उपलब्ध कराने की चुनौती सबसे बड़ी है। लॉकडाउन में थोड़ी रियात के बाद प्रवासी मजदूरों को अपने राज्य जाने की अनुमति मिल गयी है. झारखण्ड में मजदूरों की सबसे पहली खेप हैदराबाद से आयी फिर कोटा और अब धीरे-धीरे अन्य राज्यों से भी लोगो को लाने का सिलसिला शुरू हो चूका है.

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रोजगार की तलाश में दूर राज्य गए मजदूरों अब झारखण्ड वापस लौट रहे है. यहाँ आने के बाद उनके सामने घर चलाने की सबसे बड़ी चुनौती होगी ऐसे में उन्हें प्रयाप्त मात्रा में रोजगार की आवश्यकता होगी। झारखंड सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से सोमवार को तीन योजनाओं की शुरुआत की है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा तैयार बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना और वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना की शुरुआत की है. प्रोजेक्ट भवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, पेयजल और स्वच्छता विभाग मंत्री मिथिलेश ठाकुर और विभागीय सचिव अविनाश कुमार ने इस योजना के जरिए ग्रामीणों को मिलने वाले लाभ के बारे में जानकारी दी.

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पोटो हो खेल विकास योजना का शुभारंभ:

सभी पंचायत समेत राज्यभर में 5 हजार खेल मैदान बनेंगे. युवक और युवतियों के लिए खेल सामग्री की व्यवस्था की जाएगी. प्रखंड और जिलास्तर पर प्रशिक्षण केंद्रों का संचालन होगा. खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी में विशेष आरक्षण की सुविधा होगी.

नीलांबर पीतांबर जल समृद्धि योजना:

इस योजना के तहत जल संरक्षण की विभिन्न अवसरंचनाओं का निर्माण किया जाएगा. खेत का पानी खेत में ही रोकने का लक्ष्य रखा गया है. राज्य की वार्षिक जल संरक्षण क्षमता में वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है. 5 लाख एकड़ बंजर भूमि को खेती योग्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

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बिरसा हरित ग्राम योजना:

इस योजना के तहत ग्रामीणों को फलदार वृक्ष लगाने के लिए प्रेरित किया जायेगा. 5 लाख परिवारों को 100-100 पौधों का पट्टा दिया जाएगा. अगले 5 साल तक पेड़ों के सुरक्षित रखने के लिए सरकार आर्थिक सहयोग भी करेगी. इसके अलावा हर परिवार को 50 हजार रुपये की वार्षिक आमदनी का लक्ष्य रखा गया है.

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इन योजनाओं से ग्रामीण, किसान व खेल के प्रति समर्पित युवाओं को काफी लाभ मिलेगा. राज्य सरकार की कोशिश है कि ग्रामीणों समेत प्रवासी मजदूरों को भी गांव में ही रोजगार मिले. तीनों योजनाओं के माध्यम से 25 करोड़ मानव दिवस का सृजन होने की संभावना है. सीएम ने कहा कि यह संकट का समय है. ईमानदारी व तत्परता से काम करें, ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंदों को योजनाओं से लाभान्वित किया जा सके. सीएम ने कहा कि हमें सीमित संसाधनों के बल पर स्वास्थ्य सुविधा, प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का सृजन करना है.