कोरोना काल के दौरान देश में प्रवासी श्रमिकों के लिए ट्रेन चला कर अपने खर्च पर लाने वाली सबसे पहली सरकार हेमंत सोरेन की थी. इनकी राह पर चल कर अन्य राज्य एवं केंद्र सरकार ने भी पहल करनी शुरू की.
हाल ही मणिपुर में आदिवासी आंदोलन के कारण दंगे भड़क गए है. आदिवासी और गैर-आदिवासियों के बीच उपजे आंदोलन के कारण स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. इस बीच मणिपुर पढ़ाई के लिए छात्रों ने झारखंड आने की इच्छा जाहिर की तो सरकार की तरफ से उन्हें सुरक्षित राज्य वापस लाने की पहल शुरू की गयी. आज 21 छात्रों की सुरक्षित वापसी हो रही है.
गुरुवार को एक बस पटना से 18 छात्रों को लेकर रांची रवाना हुई। दूसरी ओर इससे पहले मणिपुर से पटना एयरपोर्ट पहुंचे छात्र-छात्राओं का अधिकारियों ने गुलाब देकर स्वागत किया। पटना एयरपोर्ट से बाहर आते छात्र-छात्राओं के चेहरे पर राहत दिखी। बच्चों ने बताया कि अभी भी हालात तनावपूर्ण हैं। उन्हें चिंता हो रही थी। छात्रों का कहना है कि अभी तो शांति है लेकिन तनाव है। कभी भी हिंसा भड़क सकती है। कुछ छात्रों ने कहा कि मणिपुर में आकस्मिक भड़की इस हिंसा की वजह से उनकी पढ़ाई प्रभावित होगी।
![मानव तस्करी हो या आपदा में फंसे किसी भी व्यक्ति की मदद करने में सबसे आगे रहते है सीएम Hemant Soren 2 मानव तस्करी हो या आपदा में फंसे किसी भी व्यक्ति की मदद करने में सबसे आगे रहते है सीएम Hemant Soren 2](https://thenewskhazana.com/wp-content/uploads/2023/05/manipur-voilance-1-1024x536.jpg)
Hemant Soren: छात्र ने कहा पेयजल की उत्पन्न हो गई थी समस्या, हमें यकीं था की सरकार हमें सुरक्षित निकाल लेगी
झारखंड से वीरेंद्र झा नाम के अधिकारी छात्र-छात्राओं को लाने पटना पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि झारखंड के 21 बच्चों को रांची ले जाएंगे। सभी बच्चों को वातानुकूलित बस में रांची लाया जा रहा है। बच्चों के रास्ते में खाने-पीने का भी इंतजाम किया गया है। वापस लौटे छात्रों ने बताया कि मणिपुर में अधिकांश इलाकों में कर्फ्यू लगा है। कहीं भी आने-जाने की मनाही थी। हमेशा गोली और धमाके की आवाजें सुनाई देती थी। पेयजल की समस्या हो गई थी। हालांकि, हमें यकीन था कि सरकार हमें निकाल लेगी।