मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इन दिनों कई अहम फैसले ले रहे है. भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपना रहे है. झारखण्ड में पहली बार ऐसा देखने को मिला है की किसी न्यायालय के जज पर पर कार्रवाई का आदेश राज्य सरकार ने दिया हो साथ ही अन्य कई ऐसे मामले है जिनपर मुख्यमंत्री ने कार्रवाई के आदेश दिए है.
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बड़ा फैसला लेते हुए दरोगा के पद पर प्रोन्नति होने के लिए जो सीमित परीक्षा लिया जाता था उसे रोकने का फैसला मुख्यमंत्री ने दिया है. राज्य में हुई पहली सीमित परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई थी इसकी जानकारी सीएम को पूर्व से ही थी. राज्य का गृह विभाग मुख्यमंत्री के पास है इसलिए ये मामला उनके पास गया तो उन्होंने ये फैसला लिए की सीमित परीक्षा को रोक दिया जाए.
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सीमित परीक्षा के माध्यम से अधिकारियो ने अपने चहेते आरक्षियों को दरोगा के पद पर प्रोन्नति दे दिया है. साथ ही जिन आरक्षियों को प्रोन्नति मिली थी उन्होंने ने अपना ट्रैनिंग कार्यकाल पूर्व भी नहीं किया था उससे पहले ही उन्हें कई जिलों में थाना प्रभारी का पद दे दिया गया था.
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दरअसल झारखण्ड में दरोगा के लिए 50 प्रतिशत पद सीधी नियुक्ति से भरी जाती है जबकि बचे 50 प्रतिशत पद प्रोन्नति से भरे जाते है. निधि नियुक्ति झारखंड कर्मचारि चयन आयोग के माध्यम से किया जाता है. जिसके लिए लिखित, शारीरिक और मौखिक परीक्षा ली जाती है.