झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) जल्द ही अपना एक चुनावी वादा पूरा करते हुए नजर आएंगे. सीएम गुरुवार को लातेहार में बिरसा किसान सम्मान समारोह में शामिल होने पहुंचे थे जहां उन्होंने एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा है कि सभी अनुबंधकर्मियों को नियमित करने के लिए राज्य सरकार नियमावली बना रही है.
मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में यह कहा कि राज्य में अनुबंधकर्मियों को नियमित करने के लिए पिछली सरकारों ने कोई बड़ा कदम नहीं उठाया जिस कारण वह दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होते हैं. अधिकारी भी जब मन चाहे अनुबंधकर्मियों का ट्रांसफर-पोस्टिंग कर देते हैं लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. मुख्यमंत्री ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य की पूरी व्यवस्था अनुबंध पर चल रही है राज्य में 20 वर्षों तक शासन का कमान संभालने वाले लोगों ने राज्य की स्थिति को बद से बदतर बना दिया है लेकिन अब राज्य का बेटा इसका नेतृत्व कर रहा है और हमारी सरकार राज्य के विकास में योगदान देने वाले सभी वर्गों को सम्मिलित कर बेहतर कार्य करने का प्रयास कर रही है. आने वाले दिनों में अनुबंधकर्मियों को स्थाई भी किया जायेगा और उनकी अपनी नियमावली होगी.
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आगे कहा कि जिन विभागों में नियमित नियुक्तियां होनी थी वहां भी आधा से ज्यादा अनुबंधकर्मियों को रखा गया है लेकिन नियमित नियुक्तियां अब तक नहीं की गई है. आखिर राज्य में 20 वर्षों तक शासन करने वाली भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्रियों ने क्या किया है. पिछली सरकार राज्य में 5 वर्षों तक रही केंद्र में भी उनकी ही सरकार थी वह लोग डबल-इंजन का दावा करते नहीं थकते थे लेकिन स्थिति सबके सामने हैं कि डबल-इंजन की सरकार होने के बावजूद नियमित नियुक्तियां राज्य में नहीं हो सकी है. अब हालात ऐसे हैं कि केंद्र सरकार अनुबंधकर्मियों को हटाने की बातें करती है. इसी तरह पारा शिक्षकों को भी नई शिक्षा नीति के तहत हटाने का प्रयास किया गया लेकिन आपकी सरकार ने पारा शिक्षकों को सहायक शिक्षक के रूप में नियमित कर उन्हें अस्थाई किया है.