राज्य सरकार के द्वारा सरकारी विद्यालयों को “स्कूल ऑफ एक्सीलेंस” मैं बदला जा रहा है ताकि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन मिल सके. मुख्यमंत्री के विजन के अनुसार लगभग पांच हजार सरकारी स्कूलों को क्रमवार आधुनिक शिक्षा सुविधाओं से लैस किया जाएगा. इसका प्रारंभिक उद्देश्य 2022-23 शैक्षणिक सत्र के शुरू में जिलास्तर के 80 उत्कृष्ट स्कूलों तक लगभग दो लाख छात्रों को लाभ पहुंचाना है.
![CM Hemant Soren: संथाल को स्मार्ट बना रहें सीएम हेमंत सोरेन, जहाँ पढ़े थे उस स्कूल को दी स्मार्ट क्लास की सौगात 2 CM Hemant Soren: संथाल को स्मार्ट बना रहें सीएम हेमंत सोरेन, जहाँ पढ़े थे उस स्कूल को दी स्मार्ट क्लास की सौगात 2](https://thenewskhazana.com/wp-content/uploads/2022/07/hemant-smart-class-2-1024x502.jpg)
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे स्कूल:
सरकार ने सभी ‘स्कूल ऑफ एक्सिलेंस’ को विश्वस्तरीय शिक्षा प्रणाली का बनाने की योजना बनाई है. स्कूल में निर्बाध बिजली आपूर्ति, स्वच्छ वातावरण और स्मार्ट बोर्ड जैसी अन्य सुविधाएं होंगी. इन स्कूलों का विकास निजी स्कूलों के मॉडल पर किया जा रहा है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि गरीब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा निजी स्कूलों की तरह मिल सके. इसे देखते हुए हर स्कूल में अलग-अलग लैब, लाइब्रेरी और एसटीईएम लैब की स्थापना की जाएगी. स्कूलों में साफ-सफाई और शौचालय की सुविधा नहीं होने के कारण लड़कियों के स्कूल छोड़ने की दर अधिक थी. इसके मद्देनजर सरकार ने सभी स्कूल परिसरों में लड़कियों और लड़कों के लिए अलग-अलग शौचालय सुविधा बहाल करने करने की योजना बनाई है.
सीएम ने जिस स्कूल में की थी पढ़ाई उसी को दिया स्मार्ट क्लास की सौगात:
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को दुमका के गुहियाजोरी स्थित संत जोसेफ स्कूल में स्मार्ट क्लास का उद्घाटन किया बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस स्कूल के छात्र रह चुके हैं स्मार्ट क्लास का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने विद्यालय आकर काफी प्रसन्न और उत्साहित हूं उन्होंने छात्रों से संवाद भी किया आगे मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मेरे लिए गर्व का विषय है कि जिस स्कूल में हमने पढ़ाई की थी वहां बतौर मुख्यमंत्री स्मार्ट क्लास का उद्घाटन करने आया हूं उन्होंने कहा कि मैं स्कूल के उन स्थानों, उन पेड़ों को निहार रहा हूं जहां से मेरा गहरा लगाव रहा है. उन्होंने छात्रों को कहा कि जीवन में हमेशा परिश्रम का मार्ग चुनना चाहिए. लगन और मेहनत से आप आगे बढ़ेंगे तो सफलता निश्चित रूप से मिलेगी. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जब भी इस रास्ते से गुजरता रहा हूं मैं अक्सर सोचता था एक बार और पुराने स्कूल को जाऊं. 80 के दशक में इस स्कूल के बराबरी का शायद ही कोई स्कूल हुआ करता था आशा करते हैं कि आने वाले समय में पुनः यह उन ऊंचाइयों को छू सकेगा. उन्होंने बताया की गलती करने पर हमारी भी पिटाई होती थी वहीं शिक्षकों का अनुशासन, मार्गदर्शन और आशीर्वाद से आज मैं आपके समक्ष राज्य के मुख्य सेवक के रूप में खड़ा हूं. स्कूल ने उस समय भी सीमित संसाधनों में अपनी अच्छी पहचान बना रखी थी.