Old Pension Scheme Jharkhand: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के सरकारी कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए कदम बढ़ा दिए हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर कहा है कि पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए सरकारी कर्मचारियों ने लंबे समय तक संघर्ष किया है उन्होंने भी पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का वादा चुनाव से पूर्व किया था अब यह वादा पूरा करने का समय आ गया है|
झारखंड में पुरानी पेंशन योजना लागू होने के बाद 1 लाख से भी अधिक सरकारी कर्मियों को इससे सीधा फायदा होने वाला है. इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों के परिवारों और उनके आश्रितों का भविष्य इससे लंबे समय के लिए सुरक्षित हो जाएगा. बता दें कि झारखंड में डेढ़ दशक तक भारतीय जनता पार्टी की सरकार रही और सरकारी कर्मचारियों के द्वारा लगातार संघर्ष करते हुए पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग की जाती रही परंतु उनकी मांगों पर कोई भी विचार विमर्श नहीं किया गया. मुख्यमंत्री बनने से पूर्व हेमंत सोरेन ने अपने घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए वादा किया था जिसे उन्होंने निभाने का संकेत दे दिया है जल्द ही राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू होते हुए देखी जा सकती है.
पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए सरकारी कर्मचारियों ने लंबा संघर्ष किया है। मैंने भी पुरानी पेंशन बहाल करने का वादा किया था ।
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) June 17, 2022
अब समय आ गया है वादा निभाने का…@nmopsjharkhand @NmopsInd pic.twitter.com/MZPXPnfwSq
संभावना जताई जा रही है कि मंगलवार 21 जून को होने वाली कैबिनेट की बैठक में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए मंत्रिमंडल से इस पर मुहर लग सकती है. जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद वित्त विभाग ने नई पेंशन योजना की जगह पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की स्थिति में लाभ और हानि का आकलन संबंधित प्रस्ताव तैयार कर लिया है. पुरानी पेंशन योजना का प्रारूप तैयार किया गया है इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा.
राज्य सरकार के कर्मियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त राज्य कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन का लाभ देने की मांग की है बजट सत्र में मुख्यमंत्री ने पुरानी पेंशन योजना पर विचार करने की बात कही थी सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के चुनावी एजेंडे में भी पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने का वादा किया गया है|