Shama Parveen Koderma: कोडरमा जो पूरे विश्व में अभ्रक नगरी के नाम से सुविख्यात है पिछले कुछ दशकों से कोडरमा की वह पहचान धुल-मिल होता जा रहा है. कोडरमा जिले के सफी, ढाडाकोला, चिलंगिया, डोमचांच समेत कई गांव अपनी जीविका के लिए अभ्रक पर निर्भर करता हैैं. इन गांवों में रहने वाले अभ्रक के स्क्रैप ढिबरा को चुनकर बेचते हैं ढिबरा अभ्रक के छोटे-छोटे भाग को कहते हैं और उन्हीं से उनका जीवन -यापन होता है.
दिनांक 22 दिसंबर 2021 को जिला प्रशासन के द्वारा कुछ लोगों को अवैध खनन में लिप्त होने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया और कई लोगों पर केस दर्ज दिया गया. जिन लोगो को आरोपी बनाते हुए केस दर्ज किया गया है उनके परिजनों का कहना है कि वे उस वक्त मौके पर उपस्थित नहीं थे बावजूद उनके ऊपर केस दर्ज करते हुए गिरफ्तार किया गया है. जिला प्रशासन पर फर्जी केस में लोगो को गिरफ्तार करने के विरोध में 28 फरवरी से 9 मार्च तक ढोडाकोला गांव के सभी बच्चे, बूढ़े, महिला, व्यस्कों ने जिला प्रशासन मुख्यालय कोडरमा परिसर में धरना दिया।
मेरे भारत की बहादुर बेटी – अपने हकों के लिए लड़ती हुई… जियो.#लड़की_हूँ_लड़_सकती_हूँ @priyankagandhi pic.twitter.com/ccqeiVrnKn
— Alka Lamba (@LambaAlka) March 19, 2022
धरना प्रदर्शन के क्रम में शमा परवीन से मीडिया ने यहां उपस्थित होने का कारण पूछा तो इस बच्ची ने बेबाक और बिना हिचकिचाए ढिबरा मजदूरों की समस्या और बदहाली का व्याख्या करते हुए अपने पिता मो. कलीम और कुछ लोगों पर झूठा मुकदमा दर्ज करने का जिला प्रशासन पर आरोप लगाया। शमा परवीन जिसकी उम्र लगभग 10 वर्ष है उसने बावजूद इसके उसके अभिभाषण में ढिबरा मजदूरों के दर्द और जिला प्रशासन समेत सरकार पर अपने बेबाकी बोल के कारण हर किसी को उन्होंने अपनी ओर आकर्षित किया।
ये बहादुर बिटिया कक्षा 6 की छात्रा है और अपने पिता के खिलाफ़ हुए मुक़दमें के विरोध में धरना दे रही है, मज़दूरों से जुड़े इस मामले में @dckoderma को संज्ञान लेना चाहिये।@HemantSorenJMM जी से अनुरोध है कि इस बिटिया की बात सुनें और इनकी मॉंगों का निराकरण करवायें। pic.twitter.com/2fULDSMdL1
— Imran Pratapgarhi (@ShayarImran) March 13, 2022
इस बच्ची ने कहा कि “हम प्रधानमंत्री के बच्चे हैं जो हमें तकलीफ नहीं होती है “हम डीसी के बच्चे हैं जो किसी चीज की परेशानी नहीं होती है”हम दिन भर ढिबरा चुनते हैं तो शाम तक ₹300 से 400 तक ही हो पाता है और इसी में पूरा परिवार चलाना पड़ता है. इसी बोल के कारण कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी ने इनका वीडियो साझा किया था और अब दिल्ली की पूर्व विधायक अलका लांबा ने वीडियो को ट्विटर पर साझा कर उसे “भारत की बहादुर बेटी” से संबोधित किया। कई समाज सेवकों ने उसके इस बेबाकी के लिए उन्हें शाबाशी भी दिया कोडरमा जिला के छात्र नेता मो. सद्दाम ने इस बच्ची को एजुकेशन किट दिया और दसवीं तक की शिक्षा में होने वाले खर्च को उठाने का दायित्व लिया।