कुछ दिनों से झारखण्ड के कई जिलों में डीवीसी के द्वारा बिजली बिल बकाया होने की वजह से 24 घंटे में से 18 घंटे बिजली काटी जा रही थी और सिर्फ 6 घंटे ही बिजली सप्लाई की जा रही थी. डीवीसी का झारखण्ड बिजली वितरण निगम लिमिटेड पर नवंबर 2019 तक 4955 करोड़ रुपए बाकि थे जिसकी वसूली के लिए डीवीसी बिजली सप्लाई में कटौती कर रहा था.
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डीवीसी के साथ बकाया राशि को लेकर जारी गतिरोध को दूर करने का ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के प्रयास को सफलता मिली. ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के सीएमडी एल ख्यांग्ते ने डीवीसी के अधिकारियों संग की मैराथन बैठक की. बैठक के बाद बिजली बहाल करने पर सहमति बन गई. डीवीसी ने सभी 7 जिलों में बिजली बहाल कर दी है. जेबीवीएनएल अधिकारियों के साथ समझौता हो गया. इसको लेकर एमओयू साइन हो गया. हर महीने नियमित बकाया 170 करोड़ देने पर सहमति बनी. वहीं डीवीसी को 400 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया.
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डीवीसी के बकाया राशि को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने भी डीवीसी के रवैये पर सवाल खड़े किये थे तो वही बरही से कांग्रेस विधायक उमशंकर यादव ने सदन के अंदर पूर्व की रघुवर सरकार पर बकाया राशि का ठीकरा फोड़ते हुए कहा की उनकी गलतियों की वजह से ही आज झारखण्ड के लोग अँधेरे में रहने को मजबूर है.