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कोरोना पीड़ित की पहचान भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने की सार्वजनिक, क्या ये गाइड लाइन का उल्लंघन नहीं??

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार की तरफ से एक गाइड लाइन जारी की गयी थी जिसमे ये कहा गया था की कोरोना से पीड़ित होने वालो लोगो की जानकारी सार्वजनिक करने वालो के खिलाफ कड़ी कार्रवाही की जाएगी।

लॉकडाउन की वजह से झारखण्ड के मजदूर अन्य राज्यों में फंस गए है. लॉकडाउन में ये साफ़ निर्देश दिया गया है की जो जहाँ है वही रहे बावजूद इसके कई ऐसे लोगो है जिन्हे लॉकडाउन के दौरान काफी परेशानीयो का सामना करना पड रहा है. कई लोग है जो पैदल या फिर किसी तरह से अपने घरो को पहुँच रहे है.

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ऐसा ही एक मामला संथालपरगन के देवघर में सामने आया है. एक युवक मजदूरी करने के लिए पंजाब गया था लेकिन लॉकडाउन होने के बाद वो किसी तरह अपने घर देवघर लौट आया जिसके बाद कोरोना की जाँच के लिए उसका सैंपल लिया है था और सोमवार को उसका रिपोर्ट पॉजिटिव पाया गया.

इस खबर को सुनते ही गोड्डा से भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे की प्रतिक्रिया सामने आयी. निशिकांत दुबे ने ट्विटर पर इस संबंध में ट्वीट कर प्रतिक्रिया करते हुए लिखा “वही हुआ जिसका डर था,संथालपरगना में पहला कोरोना का मरीज़ #### ( मरीज का नाम ) जो देवघर ज़िला के सारवां प्रखंड का रहने वाला है पाया गया । यह 16 आदमियों के साथ पंजाब से 31 मार्च को आया था।”

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ऐसे में कुछ लोगो ने सांसद निशिकांत दुबे के द्वारा कोरोना पीड़ित का नाम और पता सार्वजनिक करने के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की मांग कर रहे है. राहुल शर्मा ने निशिकांत दुबे के पोस्ट में कमेंट करते हुए लिखा “उपायुक्त देवघर और गोड्डा से विनती है कोरोना मरीज का नाम उजागर करने के जुर्म में महाचतुर, यह कहें असंवेदनशील सांसद महोदय पर आईपीसी के अंतर्गत मुकदमा करें. इन्हें कोई हक़ नहीं है अपने राजनीतिक खेल में किसी के जीवन के साथ खिलवाड़ करने का. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी कृपा संज्ञान ले”

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महगामा से कांग्रेस विधायक दीपिका सिंह पांडेय ने निशिकांत दुबे के इस पोस्ट के जवाब में लिखा “ये समय कर्म का है राजनीति का नहीं,आप तो इस महामारी में देश को बाँटने का काम कर रहे हैं। किसी भी मरीज़ की पहचान उजागर करना एक सांसद को शोभा नहीं देता। आपने ये क्यूँ किया हम नहीं जानते लेकिन ये आपके नियत और सोंच दोनों पर सवाल खड़े करता है।” दीपिका पांडेय ने एक वीडियो जारी करते हुए भी इसपर प्रतिक्रिया जाहिर किया है.

मालूम हो की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा ये बयान दिया गया है की ‘कोरोनावायरस जाति, धर्म, रंग, पंथ, भाषा या सीमाओं को नहीं देखता। हमें इससे लड़ने के लिए एकता और भाईचारा को प्रधानता प्रदान करनी चाहिए। हम इस लड़ाई में एक साथ हैं” ऐसे में सवाल ये उठता है की आखिर सांसद महोदय ने क्यों प्रधानमंत्री के बातो की अनदेखी की??