झारखंड का जामताड़ा जिला किसी अच्छे काम की वजह से पूरे भारत में मशहूर नहीं है बल्कि अपराध की वजह से यह पूरे देश में एक चर्चित जिला बन गया है. जामताड़ा जिले में बढ़ते साइबर अपराध को लेकर एक फिल्म भी बनाई गई है लेकिन जामताड़ा के मौजूदा उपायुक्त फैज अहमद मुमताज ने जिले की सूरत बदलने की ठान ली है.
जामताड़ा जिले के उपायुक्त फैयाज अहमद मुमताज ने जामताड़ा जिले के सुदूरवर्ती गांव में ग्रामीण पुस्तकालयों की स्थापना कर एक नई मिसाल कायम की है. उपायुक्त बेकार पड़ी सरकारी भवनों को पुस्तकालयों में बदल रहे है साथ ही नई पुस्तकालयों का भी निर्माण किया गया है. उपायुक्त फैज़ अहमद मुमताज के द्वारा जिले के विभिन्न पंचायतों के अंतर्गत 30 पुस्तकालयों को तैयार कर युवाओं के लिए शुरू किया जा चुका है. अहमद का कहना है कि यह विचार ग्रामीण युवाओं के घर में पढ़ने की आदतों और पढ़ाई के स्थान को विकसित करने के लिए एक बेहतर वातावरण प्रदान करना है ताकि वे शहरों और कस्बों की ओर रुख किए बिना प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल कर सकें.
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इन पुस्तकालयों के रखरखाव और चलाने के बारे में पता करने पर मालूम हुआ की भावनाओं की मरम्मत के बाद उसमें कुर्सियां, टेबल और किताबें रखी जाती है. जिसके बाद स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा इस पुस्तकालयों के रखरखाव के लिए स्थानीय ग्रामीणों की एक समिति बनाई जाती है. इसके बाद उन्हें सौंप दिया जाता है. उपायुक्त फैज़ अहमद कहते हैं कि उनकी पहल दो उससे उद्देश्यों की पूर्ति करती है. जिनमें पहली बेकार पड़ी भवनों को उपयोग में लाना और साथ ही पुस्तकालय के निर्माण से ग्रामीणों के बीच एक सामाजिक और सामुदायिक भावना को विकसित करना है.