सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ वासेपुर और नया बाज़ार में चल रहा अनिश्चितकालीन धरना आज सैंतीसवें दिन भी जारी रहा जिसमे पुरुषों के साथ साथ हज़ारों की संख्या में महिलाओं ने भी हिस्सा ले कर इस धरने को अपना समर्थन दिया और भारत सरकार से इस कानून को अविलंब वापस लेने की मांग की।
वहीं इस काले कानून के खिलाफ विरोध के दौरान दिल्ली के शाहीनबाग और धनबाद के झरिया में नवजात बच्चे की हुई मृत्यु पर धरना दे रहे हज़ारो लोगों ने कैंडल जला कर अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की और बच्चों की तस्वीर पर फूल माला चढ़ा कर मृतकों की दिवंगत आत्मा की शांति के लिये प्रार्थना की गयी। साथ ही इस घटना पर सभी ने अपना दुःख व्यक्त करते हुए कहा ये एक प्रकार से हत्या है और दोषियों के उपर अविलंब उचित कानूनी कार्यवाही होनी चाहिये।
धनबाद जिला प्रशासन के द्वारा 7 नामज़द और 3000 अज्ञात लोगों पर दर्ज़ किये गए फर्ज़ी मुकदमा और इन काले कानूनों को वापस लेने की भी मांग की गयी।
धरना स्थल पर मुख्य रूप से शेर खान, सैय्यद साजिद, शादाब आलम, मनौवर अख्तर, अली अकबर, नौशाद खान, तनवीर आलम, आमीश खान, आरिफ इकबाल, सैय्यद अल्तमश, बिल्किस खानम, परवीन, सुल्ताना, मुसर्रत, सलमा उस्मानी, ज़रिन रहमान, फिरदौस खान, ज़ेबा, तबस्सुम, मंजु, गीता, राधा देवी, अनवर आलम, सैफ आरज़ू, टोनी, शाकिर हुसैन, वरुण पासवान, कुणाल शर्मा, राधेश्याम, दीपक दास, विनोद कुमार, गुलाम सरवर सहित बड़ी संख्या में पुरुषों के साथ साथ महिलाओं ने भी हिस्सा लिया और इस आन्दोलन को अपना समर्थन दिया।