Shab E Barat: वासेपुर के साथ-साथ पूरे कोयलांचल मे शब-ए- बारात की तैयारी हो चुकी है। अब इसको लेकर मुस्लिम बहुल क्षेत्र वासेपुर के कब्रिस्तान और मस्जिदों में लाइट और सफाई का इंतजाम पूरा कर लिया गया हैl
शब – ए – बरात की रात मुस्लिम समाज के लोग कब्रिस्तान जाकर अपने पूर्वजों के कब्र पर फतेहा खानी करते हैं l
कब्रिस्तान में अपने बुर्जुगों या अपने रिश्तेदारों के कब्र पर बख्शीष की दुआ मांगते हैं lजरूरतमंदों के बीच खाना कपड़ा और आवश्यक सामान बांटा जाता है lमुस्लिम समुदाय जिसे सदका कहता हैl शब – ए – बरात के दूसरे दिन नफिल रोजा रखते हैं lइसको लेकर वासेपुर के मुख्य सड़कों पर बाजार को सजा दिया जाता है और फल की दुकानें लग जाती हैl
Shab E Barat: क्यों मनाया जाता है शब-ए-बारात:
अगर इंसान शब-ए-बरात की रात सच्चे दिल से अल्लाह की इबादत करते हुए अपने गुनाहों से तौबा करें और दोबारा वह गुनाह ना करने की नियत साफ हो, तो अल्लाह उस बंदे का हर गुनाह माफ कर देते हैंl यह त्यौहार शाबान महीने की 14वी तारीख को सूर्यास्त के बाद शुरू होकर 15वी तारीख की शाम तक मनाया जाता हैl शब – ए- बरात की रात दुनिया से विदा हो चुके लोगों की कब्रों पर जाकर उनके हक में मगाफिरत की दुआ की जाती हैl
Story by -Divya Kumari