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Dumka: छात्रावास हादसे की पीड़ितों को हर संभव मदद पहुंचा रहीं राज्य सरकार, बाबूलाल को बच्चियों ने पहचानने से किया इंकार

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Dumka: दुमका नगर थाना क्षेत्र के कड़हरबिल स्थित एसपी कालेज के एक मात्र बालिका छात्रावास में शुक्रवार की सुबह सात बजे आग लग गई। हादसा उस वक्त हुई जब छात्रावास में खाना बनाया जा रहा था कि गैस सिंलेडर लीकेज होने की वजह से 18 बेड वाला हाल पर रखा सारा सामान जलकर राख हो गया।

स्थानीय लोग और दमकल कर्मियों की मदद से आग पर काबू पाया गया। इस दौरान जान बचाकर भागने के क्रम में गिरने से स्नातक सेमेस्टर चार की छात्रा बसंती मुर्मू का पैर फैक्चर हो गया। जिसे इलाज के लिए मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस हादसे में 70 छात्राओं का सारा सामान जल गया जिसकी कीमत तकरीबन 45 लाख आंकी गई है।

रसोइया मुहैया कराने और जले हुए सामान के मुआवजे के लिए छात्राओं ने दो घंटे के लिए शिवपहाड़ चौक जाम कर दुमका-पाकुड़ मार्ग बाधित कर दिया। इसके बाद सीओ व कल्याण पदाधिकारी के आश्वासन के बाद छात्राओं का गुस्सा शांत हुआ। विभाग ने सभी को आश्वासन दिया है कि अब छात्राओं की बजाय रसोइया उनका खाना बनाएगा। शहर के समाजसेवी सह हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. तुषार ज्योति ने छात्रावास में रहने वाली करीब चार सौ छात्राओं के लिए दो दिन तक भोजना की व्यवस्था की है। 24 कमरे वाले एससीएसटी आदिवासी छात्रावास में एसपी कालेज में इंटर और स्नातक की पढ़ाई करने वाली करीब चार सौ छात्राएं रहती हैं।

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एक बड़े हाल में 18 बेड पर करीब 55 रहती हैं। सुबह कुछ छात्राएं कालेज चली गई। एक छात्रा छोटे गैस सिलेंडर पर खाना बना रही थी। उसके पास दूसरा लीकेज सिलेंडर भी रखा हुआ। तभी पहले वाले सिलेंडर से दूसरे में आग लग गई। आग ने पास में गददे पर रखे कंबल आदि को चपेट में लिया। आग को देखकर सभी छात्राएं कमरे से निकलकर भाग गई और पड़ोस के लोगों को सूचित किया। लोग दमकल को सूचना देकर आग बुझाने में जुट गए। इसके बाद भी हाल में लगे सभी बेड और छात्राओं का प्रमाण पत्र, कपड़ा, खाने पीने का सामान आदि जल गया। एसडीओ महेश्चर महतो, सीओ यामुन रविदास व पुलिस निरीक्षक नवल किशोर सिंह ने छात्राओं को हर तरह का आश्वासन दिया।

छात्रावास में मैस की सुविधा नहीं होने के कारण सभी छात्राएं अपने कमरे में ही छोटे सिलेंडर पर खाना बनाती हैं। यहां कोई रसोइया भी नहीं है। रसोइया की मांग को लेकर छात्र व छात्राओं ने दो घंटे के लिए शिवपहाड़ चौक को जाम कर दिया। सीओ व कल्याण पदाधिकारी ने तत्काल कंबल व चादर देकर जाम समाप्त कराया। आश्वासन दिया कि रविवार तक सभी प्रभावित को बेड भी दे दिया जाएगा। छात्राओं का खाना बनाने के लिए एक रसोइया भी बहाल किया गया।

छात्रावास की छात्राओं ने दमकल विभाग को एक आवेदन दिया है। जिसमें कहा है कि आग से 70 छात्राओं का सारा सामान, मोबाइल व रुपया आदि जल गया है। करीब 45 लाख का नुकसान हुआ है। हालांकि छात्राओं ने सिलेंडर फटने की बजाय रिसाव की बात की है।

मामले को लेकर ट्वीट करते हुए एक युवक ने झारखंड सरकार के परिवहन मंत्री चंपाई सोरेन को संज्ञान में दिया जिसपर मंत्री चंपाई सोरेन ने संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन को घटना में घायल बच्चियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया हैं. जिला प्रशासन की तरफ से बच्चियों को हर संभव मदद पहुंचाई गई हैं। जानकारी के मुताबिक दुमका के स्थानीय विधायक बसंत सोरेन, जिला प्रशासन और परिवहन मंत्री चंपाई सोरेन की ओर से पीड़ितों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई.

बाबूलाल को बच्चियों ने पहचानने से किया इंकार:

भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, सासंद सुनील सोरेन और पूर्व कल्याण मंत्री लुइस मरांडी जब बच्चियों से मिलने गई तो उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा. दरअसल, मिली जानकारी के अनुसार जब भाजपा के तीनों नेता वहाँ पहुंचे तो बच्चों से पूछा गया कि यह लोग आपसे मिलने आए हैं तब बच्चियां बाबूलाल मरांडी, सुनील सोरेन और लुईस मरांडी को पहचान नही पाई। किसी ने भीड़ से आवाज़ दिया कि कभी जनता के बीच रहिएगा तब न कोई पहचानेगा।

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