झारखंड सरकार ने 11 पान-मसलो पर प्रतिबन्ध लगा दिया है. जिसकी वजह से व्यापारियों के पास इसका स्टॉक बड़ी मात्रा में है. व्यापारी असमंजस में है की बचे हुए पान-मसलो के स्टॉक का क्या होगा। ऐसे में उन्हें राहत देने वाली खबर आयी है.
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राज्य सरकार ने तय किया है है की पान-मसाले के जो स्टॉक बचे है. व्यापारी उन्हें दूसरे राज्य भेज सकते है. 31 मई के बाद यदि पान-मसाला मिलता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्टॉक को दूसरे राज्य भेजने के लिए सम्बंधित जिला के एसडीओ से आदेश लेना होगा। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव सह खाद्य संरक्षा आयुक्त डॉक्टर नितिन कुलकर्णी ने बुधवार को इससे संबंधित एक आदेश जारी कर दिया है।
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व्यापारियों को अपने गोदाम में पान-मसाले के बचे स्टॉक को राज्य से बाहर भेजने की आदेश जारी हो गया है. व्यापारियों को 2 सप्ताह का वक्त मिला है. इस बिच उन्हें अपने गोदाम से पान-मसाले के स्टॉक को हर हाल में हटा लेना है. इस बिच किसी भी प्रतिबंधित पान मसाला की थोक या खुदरा बिक्री नहीं होगी, छूट सिर्फ दूसरे राज्यों में भेजने हेतु दी गई है।
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कुलकर्णी ने बताया कि सभी थोक विक्रेता अपने अधीनस्थ खुदरा विक्रेताओं से बचे हुए स्टॉक अपने गोदामों में एकत्र कर उसकी सूची बनाकर संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी सह खाद्य संरक्षा के अभिहित पदाधिकारी एवं खाद्य संरक्षा पदाधिकारी को उपलब्ध करवाएंगे एवं उनकी निगरानी में बचा हुआ माल झारखंड राज्य की सीमा के बाहर भेजना सुनिश्चित करेंगे।
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बता दें कि आठ मई को राज्य में पान पराग, रजनीगंधा, विमल समेत 11 ब्रांड के पान मसालों की बिक्री पर अगले एक साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव सह राज्य के खाद्य संरक्षा आयुक्त डॉक्टर नितिन कुलकर्णी की ओर से आदेश जारी किया था। पिछले साल राज्य में इन पान मसालों के 41 सैंपल जांचे गए थे। जांच में अधिकांश पान मसालों में खतरनाक मैग्निशियम कार्बोनेट रसायन मिले थे।