झारखंड सरकार में वित्त मंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव (Rameshwar oraon) ने कहा कि केंद्र सरकार का ‘वन-नेशन वन-वैक्सीन’ का नारा पूरी तरह से झूठ साबित हुआ है और स्थिति बिगड़ने पर सारी जिम्मेदारी राज्य सरकार पर छोड़ दी गई है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इस रवैया से झारखंड जैसे पिछड़े राज्य को 48 अरब का अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा इस वित्तीय बोझ से अन्य विकास कार्य भी प्रभावित होंगे. रामेश्वर उरांव ने केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों पर कोयला और पानी की बकाया रॉयल्टी के शीघ्र भुगतान के साथ-साथ संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार से स्पेशल पैकेज उपलब्ध कराने की मांग की है.
डॉ उरांव ने कहा कि दुनिया में सबसे पहले भारत ने वैक्सीन बनाने में सफलता हासिल की जिसके लिए देश गौरवान्वित महसूस करता है. परंतु वैक्सीनेशन के काम में आज भारत पूरी तरह से पिछड़ गया है लोगों को उम्मीद थी कि देश के सभी नागरिकों को मुफ्त में वैक्सीन मिलेगी लेकिन अब केंद्र सरकार इससे मुंह मोड़ने की कोशिश कर रही है. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने 35 हज़ार करोड़ की व्यवस्था वैक्सीनेशन के लिए की है और कहा था जरूरत पड़ने पर इस राशि में बढ़ोतरी की जा सकेगी.
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने 18 से 45 वर्ष तक के लोगों को अपने खर्च पर वैक्सीन लेने को कहा है राज्य में इस आयु वर्ग के करीब 1 करोड़ 47 लाख लोग रहते हैं. 25 लाख लोग यदि अपने खर्च पर टीका लेते है तब भी 20 लाख गरीब लोगों को टीका देने के लिए राज्य सरकार को ₹400 की दर से करीब 48 अरब अतिरिक्त खर्च करने पड़ेंगे.