झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि जंगलों और पहाड़ों के संरक्षण के लिए झारखंड राज्य का गठन हुआ था. झारखंड सरकार राज्य की अस्मिता को बचाना नहीं चाहती है. अदालत झारखंड की अस्मिता को बचाने का जरूर प्रयास करेगी. जब झारखंड के पहाड़ और जंगल नहीं बचेंगे तो झारखंड राज्य के गठन का क्या उद्देश रह जाएगा.
Advertisement
Advertisement
अदालत ने यह टिप्पणी अवैध खनन के एक मामले में सुनवाई करते हुए कही है. अदालत ने कहा कि कोर्ट को सब पता है कि क्या हो रहा है लेकिन झारखंड सरकार कुछ लोगों को बचाने के लिए शपथ दाखिल कर कहती है कि कोई अवैध खनन नहीं हो रहा है. कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार ऐसा करके किस को धोखा दे रही है कोर्ट को या फिर अपने आप को. अदालत ने इस मामले में झारखंड सरकार को शपथ पत्र दाखिल करने के लिए अंतिम मौका दिया है.