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सीएए, एनआरसी पर बड़ा फैसला लेने की तैयारी में हेमंत सरकार, जानिए क्या हो सकता है फैसला

देश भर में नागरिकता कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे है कई लोग इसके समर्थन में है तो कई इसका विरोध भी कर रहे है. दिल्ली के शाहीनबाग़ में महिलाओ द्वारा नागरिकता कानून का विरोध पिछले कई महीनो से किया जा रहा है. शाहीनबाग़ के तर्ज पर ही देश भर में महिलाएं नागरिकता कानून का विरोध कर रही है.

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कई गैर- भाजपा शासित राज्य है जो नागरिकता कानून को राज्य में लागू नहीं करने का प्रस्ताव ला चुकी है. और कई ऐसे राज्य है जो प्रस्ताव लेन की तैयारी में है. ऐसा ही कुछ झारखण्ड में भी होने वाला है. इसपर झारखण्ड सरकार जल्द फैसला ले सकती है.

बजट सत्र के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों की बैठक में कई अहम मुद्दे उठे. सत्ता पक्ष के विधायकों ने एनआरपी, एनआरसी और सीएए जैसे मुद्दे पर ठोस निर्णय लेने की बात कही. साथ ही राज्य में नियुक्ति नियमावली की समीक्षा करने पर भी चर्चा हुई. गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा बुलायी गयी बैठक में बंधु तिर्की ने एनआरसी-सीएए पर सरकार से स्टैंड लेने का आग्रह किया़

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बिहार सरकार की तर्ज पर कार्रवाई करने का आग्रह किया. मुख्यमंत्री श्री सोरेन का कहना था कि सभी पहलुओं को देखते हुए सरकार फैसला लेगी. बैठक में दूसरे विधायकों का भी कहना था कि गलत नीतियों को नहीं थोपा जाना चाहिए. बैठक में विभागों के नियुक्ति नियमावली के संशोधन का भी मामला उठा. श्री तिर्की ने इस मामले पर मुख्यमंत्री से कहा कि जेपीएससी, जेएसएससी सहित कई विभागों की नियुक्तियां फंसती रही है.

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सरकार कोई ठोस निर्णय नहीं लेगी, तो नियुक्ति संभव नहीं होगा. इस पर दूसरे विधायक भी सहमत थे. इस मामले पर भी मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को देखने के लिए कहा. बैठक में विधायकों का कहना था कि जिला में कार्यक्रम का बेहतर तरीके से मॉनिटरिंग होनी चाहिए. योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंच रहा है या नहीं, इसे देखने की जरूरत है़