कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार से अनुमति मिलने के बाद लॉकडाउन के कारण बाहर फंसे लोगो को लाया जा रहा है. ट्रेन और बसों के जरिये लोगो को लाया जा रहा है. राज्य में अब तक 44 ट्रेनों से कुल 50,028 प्रवासी मजदूर श्रमिक एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन के माध्यम से राज्य में वापस आ चुके हैं.
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कोरोना संबंधित मामलों के मुख्य नोडल पदाधिकारी अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि राज्य में प्रवासी मजदूरों का आवागमन सरकार द्वारा कराया जा रहा है. जिसके लिए सरकार अन्य राज्यों एवं केंद्र सरकार से समन्वय स्थापित कर ट्रेन के माध्यम से प्रवासी मजदूरों की वापसी करा रही है. वहीं सभी जिलों के उपायुक्त द्वारा बस के माध्यम से प्रवासी मजदूरों को वापस लाने का कार्य किया जा रहा है. अभी तक राज्य में 60 हजार से अधिक लोग वापस आ चुके हैं. इन सभी कार्यों में भारत सरकार द्वारा जारी किए गए सभी प्रोटोकॉल्स को फॉलो किया जा रहा है.
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आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने नये तरीके से कोरोना का मुकाबला करने के संकेत दिये हैं. लोगों को जागरूक करना होगा कि वे खुद ही कोरोना वायरस से बचाव के लिए सरकार के निर्देशों का पालन करें. इसके लिए ग्राम प्रमुख, मुखिया, आंगनबाड़ी सेविका, चौकीदार, स्कूल कमेटी, शिक्षक व अन्य को घर-घर तक जानकारी पहुंचाने का कार्य दिया जा रहा है.
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राज्य स्तरीय यातायात सचिव के रवि कुमार ने कहा कि अभी तक बसों से लगभग 30 हजार लोग राज्य में वापस आ चुके हैं. वहीं, 44 ट्रेनें विभिन्न राज्यों से झारखंड आयी हैं और 56 ट्रेनें और आयेंगी. उन्होंने बताया कि अभी तक 50,028 प्रवासी मजदूर श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से वापस आये हैं. राज्य में निजी वाहनों से भी आवागमन के लिए पास जारी किये जा रहे हैं.
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क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों को स्पेशल पैकेट दिया जा रहा है, जिसमें 10 किलो चावल , एक किलो अरहर दाल, 1 किलो चना दाल, 1 पैकेट तेल और 1 किलो नमक दिया जा रहा है.