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हेमंत सरकार ने सरना धर्म कोड को लागू करने के लिए सदन में रखा प्रस्ताव, भाजपा ने किया विरोध

हेमंत सरकार ने सरना धर्म कोड को लागू करने के लिए सदन में रखा प्रस्ताव, भाजपा ने किया विरोध 1

आदिवासी समाज की ओर से सरना धर्म कोड की मांग लंबे समय से की जा रही है देश के गृहमंत्री अमित शाह ने भी अपनी चुनावी सभाओं में या कह चुके हैं कि आदिवासियों को सरना धर्म कोड मिलना चाहिए सरना धर्म कोड की मांग को देखते हुए राज्य की हेमंत सोरेन सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सरना धर्म कोड के प्रस्ताव को पारित करके केंद्र सरकार को भेजने की तैयारी में है

विशेष सत्र में सदन के भीतर सरना धर्म कोड का प्रस्ताव रखा गया है मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव रखते हुए कहा कि सरना धर्म कोड के आने से उसके दूरगामी और अच्छे परिणाम आएंगे सरना धर्म कोड के आने से आदिवासी समाज को संविधानिक अधिकार के साथ सरकारी लाभ भी मिल पाएंगे जब की जनगणना में सरना धर्म कोड लागू होने से आबादी का पता चल पाएगा

दूसरी तरफ भाजपा के विधायक सीपी सिंह और नीलकंठ सिंह मुंडा ने आदिवासी/ सरना धर्म कोड पर सवाल उठाए हैं भाजपा विधायकों ने कहा कि बिना चर्चा किए प्रस्ताव पारित का प्रयास सरकार कर रही है जो बिल्कुल ही गलत है भाजपा विधायकों ने इसका विरोध भी किया जिसके बाद सरकार प्रस्ताव पर चर्चा करा रही है.

सदन में भाजपा के विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि भाजपा सरना धर्म कोड का समर्थन करती है परंतु कैबिनेट से पारित किए गए संकल्प के अंतिम पैराग्राफ में आदिवासी/सरना धर्म कोड का उल्लेख किया गया है. जो गलत है या पूरी तरह से राजनीति के तहत किया जा रहा है आगे उन्होंने कहा कि उन्हें से 61 की जनगणना मम्मी सरना धर्म कोड को हटाने का कार्य कांग्रेस पार्टी ने किया है लेकिन आज इस प्रस्ताव को लाकर कांग्रेस सिर्फ अपनी राजनीति चमका रही हैं