झारखण्ड में 27 प्रतिशत आदिवासी और 8 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के लोग निवास करते हैं। लेकिन व्यापार या उद्योग के क्षेत्र में इनकी सहभागिता मात्र 2.5 प्रतिशत है।
बता दें कि यहां की आदिवासी और पिछड़ी आबादी व्यापारिक प्रतिष्ठानों और उद्योग से जुड़ने में पीछे रही है।
हेमंत सरकार आदिवासियों एवं पिछड़ी आबादी को व्यापारिक स्वालंबन बनाने के लिए प्रयत्नशील रहते हैं यही कारण है कि व्यापार में आदिवासियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से झारखण्ड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 के तहत ST/SC/महिलाओं और दिव्यांग उद्यमियों के लिए 5% अतिरिक्त अनुदान सरकार दे रही है।
राज्य के खनन क्षेत्रों में विस्थापित ज्यादातर आदिवासी होते हैं। ऐसे में सरकार ने ,ऐसे क्षेत्रों में खनन का कार्य कर रही कंपनियों को एक करोड़ तक के कार्य में विस्थापितों को प्राथमिकता देना सुनिश्चित किया है।
झारखण्ड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 के तहत
अगर निवेशक अपने उद्योग के कुल मानव बल में राज्य के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के 35 % हुनरमंद लोगों रोजगार देंगे तो राज्य सरकार नीति के तहत दिए जा रहे प्रोत्साहन और प्रावधानों के अतिरिक्त लाभ देगी।