झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार आदिवासी एजेंडे को सेट करने के लिए पूरी तैयारी कर चुकी है. पूर्व की सरकारों में आदिवासी महापुरुषों के नाम पर कोई बड़ी योजना नहीं चलती थी लेकिन इस बार एक आदिवासी मुख्यमंत्री होने के कारण यह भुनाने की कोशिश की जा रही है कि यह सरकार आदिवासियों के हित के लिए है.
राज्य सरकार अगले वित्तीय वर्ष में 6 योजनाएं केवल आदिवासी महापुरुषों के नाम पर संचालित करेगी. जिनमें बिरसा मुंडा, फूलों-झानो, जयपाल सिंह और गुरुजी शिबू सोरेन के नाम का इस्तेमाल किया गया है. इन योजनाओं में कुछ ऐसे भी योजनाएं हैं जो पूर्व से संचालित हैं.
आदिवासी महापुरुषों के नाम से संचालित होने वाली 6 योजनाओं के अलावा लुगूबुरु में संताल आदिवासियों के तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना भी सरकार की है.इसके लिए भी बजट में राशि का प्रावधान किया गया है बजट में आदिवासी एजेंडे को स्थान देकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दूरगामी राजनीति का संकेत दिया है. बजट सत्र के दौरान सरकार यह बार-बार कहती नजर आई है कि जिनके लिए झारखंड बना है और जिनके लिए सरकार बनी है उनके हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा.