भारतीय नागरिकता कानून को लेकर देशभर में भारी विरोध प्रदर्शन हो रहे है तो कहीं शांति पूर्ण तरीके से भी विरोध दर्ज कराया जा रहा है. देश के बड़े बड़े विश्वविद्यालय सहित कई ऐसी सस्थाएँ है जो इसका विरोध कर रहे है और सरकार से इस कानून को वापस लेने को कह रहे है
कोयला नगरी के नाम से मशहूर धनबाद में भारतीय नागरिकता कानून का विरोध किया गया था. वासेपुर के लोगो द्वारा इस कानून के विरुद्ध एक प्रतिवादित मार्च निकला गया था जहाँ बड़ी संख्या में लोगो का हुजूम उमड़ पड़ा था. तिरंगे के साथ तक़रीबन 3000 से अधिक लोगो ने इस मार्च में हिस्सा लिया और अपना विरोध दर्ज करवाया। लोगो का कहना है आंचल अधिकारी के पास हमें आवेदन दिया था और हमें अनुमति भी मिली थी इसके बावजूद थाना प्रभारी ने मुकदमा दर्ज कर दिया है.
पुलिस ने दर्ज किया देशद्रोह का मुकदमा:
धनबाद पुलिस ने मार्च में भाग लेने वालो के खिलाफ देशद्रोह मुकदमा दर्ज किया है जहां पुलिस ने ये तय्थ दिया है की इस विरोध प्रदर्शन के लिए प्रसाशन से कोई अनुमति नहीं ली गयी थी. 3000 लोगो पर देशद्रोह मुकदमा दर्ज होने साथ ही 7 लोगो नामज़द किया गया है.
क़ानून जनता को डराने एवं उनकी आवाज़ दबाने के लिए नहीं बल्कि आम जन-मानस में सुरक्षा का भाव उत्पन्न करने को होता है।
मेरे नेतृत्व में चल रही सरकार में क़ानून जनता की आवाज़ को बुलंद करने का कार्य करेगी।
धनबाद में 3000 लोगों पर लगाए गए राजद्रोह की धारा को अविलंब निरस्त करने के 1/2 pic.twitter.com/Y0PMT84Vra
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) January 8, 2020
हेमंत सोरेन ने दिए जाँच के आदेश धनबाद पुलिस पर गिर सकती है गाज:
झारखण्ड के नवनिर्वाचित मुख्य्मंत्री हेमंत सोरेन ने मामले पर संज्ञान हुए आदेश दिया है की 3000 लोगो पर दर्ज मुकदमे वापस होंगे साथ ही धनबाद थाना प्रभारी संतोष कुमार को पत्र लिख कर स्पष्टीकरण माँगा गया है. पत्र में संतोष कुमार से 3 दिनों के अंदर जवाब माँगा गया है यदि संतोषजनक नहीं दे पते है तो उनके खिलाफ विभागीय करवाई हो सकती है और नौकरी से हाथ धोना पद सकता है. मुख्मंत्री ने जानकारी अपने फेसबुक और ट्विटर के माध्यम से लोगो को दिया है.