झारखंड में हो रहे दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का रण अब तेज हो गया है. दोनो सीटो पर 3 नंवबर को मतदान होना है ऐसे में प्रचार के लिए मात्र छह दिन शेष रह गये है. सभी राजनीति दल अपने हिसाब से जनता को लुभाने और अपने पक्ष में वोट करने के समर्थन मांग रहे है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 2019 के विधानसभा चुनाव में बरहेट और दुमका विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे दोनो सीटो पर जीतने के कुछ महीनों बाद उन्होंने दुमका सीट को छोड़ दिया जिस वजह से यहाँ उपचुनाव हो रहे है. दूसरी सीट के लिए बेरमो विधानसभा में मतदान होना है यहाँ कांग्रेस ने दिवंगत राजेन्द्र सिंह के पुत्र अनूप सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है जबकि झामुमो ने दुमका सीट के लिए बसंत सोरेन को अपना प्रत्याशी बनाया है.
दुमका विधानसभा सीट उपचुनाव में हाॅट सीट बनी हुई है क्योंकि मुख्य विपक्षी दल भाजपा इस सीट को जीतकर झामुमो और हेमंत सोरेन को अपनी मौजूदगी का अहसास दिलाना चाहता है. दुमका सीट पर झामुमो के सामने भाजपा की तरफ से पूर्व मंत्री लुईस मरांडी को प्रत्याशी बनाया गया है. लुईस मरांडी 2014 और 2019 के चुनाव में भी भाजपा की प्रत्याशी रह चुकी है. दुमका सीट को जीतने के लिए भाजपा ने अपना पूरा दमखम लगा दिया है तो वहीं, दूसरी तरफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते है.
उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार अब अपने अंतिम दौर में है. प्रचार के लिए छह दिन ही शेष बचे है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चुनाव प्रचार की कमान संभालने के लिए आज दुमका रवाना हुए. वे दुमका में 31 तारीख तक रहेगे और जनता से सीधा जुड़ने की कोशिश करके अपने पक्ष में मतदान करने के लिए अपील करेगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि दुमका की जनता पूरी तरहा से हमारे साथ है दुमका सीट जीतकर हम उनके बीच आयेगे. सीएम हेमंत सोरेन दुमका में अगले 5 दिनो तक रहेगे.
भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी कई दिनों से दुमका में कैंप करके लुईस मरांडी के लिए प्रचार कर रहे है. बाबूलाल मरांडी के द्वारा लगातार झामुमो पर जुबानी हमले किए जा रहे है. तो वहीं झामुमो भी बाबूलाल मरांडी पर हमलावर है. न्यूज़ 11 भारत, में छपी एक खबर के अनुसार झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने बाबूलाल मरांडी से सवाल करते हुए पूछा है कि आखिर कौन सी ऐसी वजह है जो बाबूलाल मरांडी अक्सर थाईलैंड जाते है. उन्हें अपना पास्पोर्ट सार्वजनिक करके जनता को बताना चाहिए कि आखिर क्यों वे बार-बार थाईलैंड जाते है.