झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मोदी सरकार के द्वारा पेश किये गए बजट पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट पूंजीपतियों औऱ उद्योगपतियों के हितों को ध्यान में रखकर लाया गया है। मिडिल क्लास को आयकर में मामूली राहत दी गई है। आम लोगों ने आयकर के स्लैब में जिस छूट की उम्मीद की थी, उसे बजट में दरकिनार कर दिया गया है। आम बजट में विजन का पूरी तरह अभाव है। पहली बार बजट में यह देखने को मिला है कि किस सेक्टर में कितना खर्च किया जाना है, इसका कहीं जिक्र नहीं। बजट पूरी तरह पूंजीपतियों को समर्पित है। आम लोगों को सिर्फ दिलासा देने की कोशिश की गई है।
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा की यह बजट गरीब, किसानों, मजदूरों, बेरोजगारों औऱ युवाओं को हताश करने वाला है। इस बजट का अर्थशास्त्री आंकलन कर रहे हैं। लेकिन पहली नजर में हमारे दृष्टिकोण से केंद्र सरकार का यह बजट कहीं से विजनरी नहीं लग रहा है। उन्होंने कहा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा क्या तैयारियां है, इसकी चर्चा नहीं की यह चिंताजनक है.
हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री पर तंज कस्ते हुए कहा की प्रधानमंत्री जी से मिलकर मैंने झारखण्ड में ट्राइबल यूनिवर्सिटी खोलने की मांग राखी थी और हमें उम्मीद थी की झारखंड जैसे राज्य में आदिवासियों की मांग को केंद्र सरकार पूरा करेगी लेकिन बजट में झारखंड को निरसा हाथ लगी है. वित्त मंत्री जी के द्वारा म्यूजियम खोलने की घोषणा की गयी. आदिवासियों के साथ एक बार फिर धोखा किया गया है.
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मालूम हो की मुख्यमंत्री बनने के बाद हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री से शिष्टाचार मुलाकात कर झारखण्ड में ट्राइबल यूनिवर्सिटी खोलने की मांग राखी थी.