झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में डीडीसी की पोस्ट पर नियुक्त आईएएस अधिकारी आदित्य रंजन ने फिर एक बार कमाल कर दिखाया है. पश्चिमी सिंहभूम में कोरोना से लड़ाई के लिए रोबोटिक उपकरण तैयार किया गया है. यह संक्रमित मरीजों को दवा से लेकर खाना तक पहुंचाएगा. इसका नाम कोबोट रखा गया है. जिले के डीडीसी आदित्य रंजन ने इसे अपने आवास के गैरेज में तैयार किया है. डिजाइनिंग से लेकर प्रोग्रामिंग तक उन्हीं के देखरेख में की गई है. कोरोना पॉजिटिव मरीजों के इलाज के लिए यह देश में अपनी तरह का पहला उपकरण होगा.
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कोबोट का कोरोना मरीजों के लिए समर्पित अस्पताल में इस्तेमाल किया जाएगा. यह रिमोट से संचालित होता है. लिहाज बिना किसी इंसान की मदद से यह मरीजों को दवा और खाना पहुंचाएगा. डीडीसी आदित्य रंजन ने बताया कि कोरोना से जंग में कोबोट अपनी तरफ का अनोखा प्रयोग है. इससे डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का कोरोना संक्रमण से बचाव हो पाएगा.
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चाईबासा सदर अस्पताल और चक्रधरपुर रेलवे अस्पताल में मंगलवार को इसका एकसाथ लोकार्पण होगा. कोबोट से लैस 20 बेड वाले आइसोलेशन वार्ड का सदर अस्पताल में उपायुक्त शुभारंभ करेंगे. वहीं कोबोट से लैस 30 बेड वाले आइसोलेशन वार्ड का रेलवे अस्पताल में उद्घाटन होगा.
इससे देश का पहला कोविड-19 सैंपल कलेक्शन बूथ भी चाईबासा में शुरू किया गया है. चाईबासा सदर अस्पताल में सैम्पल क्लेक्शन सेंटर का शुभारंभ हुआ. इस सिस्टम को भी डीडीसी आदित्य रंजन ने खुद शोधकर तैयार कराया. रांची बीआईटी मेसरा के छात्र रहे आईएएस अधिकारी आदित्य रंजन ने पीपीई किट की कमी को देखते हुए फोन बूथ की शक्ल में कोरोना सैम्पल जांच सेंटर बनवाया.
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बता दे की आईएएस अधिकारी आदित्य रंजन बीआईटी मेसरा के छात्र रहे है. इस लिहाजे से झारखण्ड के लिए इस मुश्किल घडी में अधिकारी सहित राज्य के एक बेहतर संस्था का छात्र होने के नाते उनका योग्यदान काफी महत्वपूर्ण हो जाता है.