Friday holiday: झारखंड में भाजपा उर्दू विद्यालयों में होने वाली शुक्रवार की छुट्टी को लेकर बवाल मचा रही है. भाजपा के प्रदेश स्तरीय नेता मामले को तूल देकर वर्तमान सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप लगा रहे हैं परंतु हकीकत ऐसी है कि सुनकर आप दंग रह जाएंगे.
ताजा मामला बिहार से आया है जहां बिहार के किशनगंज के बाद अररिया में भी कई स्कूलों में रविवार के बजाय शुक्रवार को छुट्टी के होने का मामला प्रकाश में आया है। जिससे बिहार और झारखंड के राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी तेज हो गई है। बिहार सरकार में जदयू एमएलसी ने रविवार के बजाय शुक्रवार की छुट्टी की इस घटना को सही बताया है और उन्होंने कहा कि यह वर्षों से चली आ रही परंपरागत और संस्कृति से जोड़ु हुआ विषय है। नितीश कुमार के एमएलसी कहते हैं कि हमारी बिहार सरकार संस्कृति और परंपरागत जैसी चीजों से खिलवाड़ नहीं करती है और इस पूरी मामला को तुल ना देकर यथावत रखा जाना चाहिए.
वहीं उत्तराखंड के एक विद्यालय में भी शुक्रवार की छुट्टी का मामला सामने आया है. उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और झारखंड में भाजपा के नेता गन शुक्रवार को होने वाली छुट्टी का विरोध कर रहे हैं ऐसे में यह सवाल खड़ा होता है कि झारखंड में शुक्रवार को होने वाली छुट्टी पर बवाल मचाने वाले नेता बिहार और उत्तराखंड पर क्या रुख रखते हैं यह देखना दिलचस्प होगा कि उत्तराखंड और बिहार से सामने आए इन मामलों के बाद झारखंड के भाजपा नेताओं का क्या रुख होता है.
बता दें कि, झारखंड के जामताड़ा और कुछ जिलों से सरकारी विद्यालयों में रविवार के बजाए शुक्रवार की छुट्टी की खबर सामने आई थी जिससे झारखंड की राजनीति में काफी हलचल देखने को मिली थी। झारखंड के भाजपा नेता जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, रघुवर दास, प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, सांसद निशिकांत दुबे सहित भाजपा के कई नेताओं ने राज्य झारखंड सरकार पर तुष्टिकरण के लिए सरकारी नियमों को बदलने की छूट देने का आरोप लगाया थ। जिस पर जामताड़ा विधायक डॉक्टर इरफान अंसारी ने कहा है कि रविवार के बदले शुक्रवार की छुट्टी की व्यवस्था स्थानीय लोगों की सहुलियत के अनुसार लागू हुई थी। ये हमारी सरकार से नहीं पहले से चलती आ रही है। इस तरह की सूचना मिलने के उपरांत हमारी रिपोर्ट ने इससे जुड़ी मामला को पता करने का प्रयास किया तो बात यही सामने आया कि यह सब विद्यालय दशकों पूर्व से रविवार के बजाय शुक्रवार को छुट्टी देती आ रही है। पूर्व की भाजपा सरकारों के दौरान भी यह परम्परा चली आ रही थी लेकिन तब इसका न तो विरोध हुआ और ना ही ऐसा कोई मामला प्रकाश में आया था. अब जब कि भाजपा विपक्ष में है तो सत्तापक्ष पर बरसों से चली आ रही परम्परा को लेकर आरोप लगाने की कोशिश कर रही है परन्तु अब जबकि बिहार और उत्तरखंड में ही ऐसा मामला सामने आया है तब भाजपा के नेता चुप्पी साधे हुए है.