राज्यवासियों के लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में ठोस व्यवस्था करने को प्राथमिकता देनी है। इसके लिए राज्य के 264 प्रखंड, 45 अनुमंडल और 24 जिला में संचालित अस्पतालों को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करें, जो चौबीसों घंटे सेवा प्रदान करने वाला हो। इस कार्य को धरातल में यथाशीघ्र उतारने के लिए कार्य शुरु कर दें। इन अस्पतालों में आवश्यक मानव संसाधनों के लिए प्रस्ताव दें, जिससे चिकित्सकों, नर्सों, पारा मेडिकल स्टाफ समेत अन्य लोगों की कमी को पूरा किया जा सके। बेहतर प्रबंधन पर विशेष जोर दें। जो भवन प्रखंड, अनुमंडल और जिला में तैयार हैं या निर्माणाधीन हैं, उनका भी उपयोग इस कार्य में करें। नये स्वास्थ्य भवन बनाने की फिलहाल आवश्यकता नहीं। कई भवन बनकर तैयार हैं, जो स्वास्थ्य विभाग के काम नहीं आ रहे। ऐसे में नया भवन का निर्माण फिलहाल व्यर्थ है। सरकार उपयोगिता के आधार पर नये भवन निर्माण हेतु निर्णय लेगी। ये बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कही। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे।
हम बेहतर सुविधा क्यों नहीं दे पा रहे, व्यवस्था व्यवस्थित हो:
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम राज्य से टीबी जैसे रोग का समूल नाश नहीं कर सके। करीब एक लाख कर्मचारी स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार के लिए काम कर रहें हैं। उनकी क्षमता का सही उपयोग करें। राज्य के लोगों को बेहतर सुविधा दें। खुद के कार्यों से उनमें भरोसा जगाएं।
एएनएम और जेएनएम के लिए युवक भी आगे आएं:
मुख्यमंत्री ने कहा कि एएनएम और जेएनएम के लिए युवक भी आगे आएं। स्वास्थ्य विभाग ऐसे युवाओं को प्रोत्साहित करे। सिर्फ महिलाएं ही इस क्षेत्र में हैं। इसकी पढ़ाई युवाओं को भी करनी चाहिए। युवाओं को रोजगार देने की दिशा में भी यह प्रयास सफल होगा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में ग्रामीणों के लिए ऐसे युवक वरदान साबित होंगे।
सेल और एमजीएम अस्पताल का सुदृढ़ीकरण करें:
मुख्यमंत्री ने कहा कि जमशेदपुर स्थित एमजीएम और बोकारो स्थित सेल के अस्पताल को दुरुस्त करने की दिशा में कार्य करें। एमजीएम अस्पताल के बेड, फर्श समेत अन्य जरूरी चीजों को बदल कर नया स्वरूप प्रदान करें। बोकारो स्थित सेल अस्पताल के सुदृढ़ीकरण के लिए सेल चेयरमैन से बात कर कार्य प्रारम्भ करने का प्रयास होना चाहिए, जिससे आसपास के जिला के लोग लाभान्वित हो सकें।
मेडिसिन प्लांट को संरक्षित करने का प्रयास करें:
मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष अस्पताल जो पूर्व में बने हैं, उन्हें प्रारम्भ करें। राज्य में पाये जाने वाले मेडिसिन प्लांट से संबंधित डॉक्यूमेंट तैयार होना चाहिए। क्योंकि इन पौधों को जानने वाले की मृत्यु के उपरांत वह ज्ञान भी मर जाता है। इस क्षेत्र में विभाग को कार्य करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि झारखण्ड में दो दिसंबर तक कोरोना का रिकवरी दर 97.3 प्रतिशत व मृत्यु दर 0.89 प्रतिशत है। चार चरण में वैक्सीन उपलब्ध कराने की योजना है। वर्तमान में कुल वैक्सीन स्टोर 245 हैं, जिसमें बढ़ोतरी की जा रही है। प्लाज्मा थेरेपी, बेड और वेंटीलेटर पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हैं। झारखण्ड में कुल मामले 109332, एक्टिव मामले 1965, एक्टिव मामलों का दर 1.79 प्रतिशत, कुल मृत्यु 969, पीएसए ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट रिम्स रांची, एमजीएम जमशेदपुर, एसएनएमएमसी धनबाद और सदर अस्पताल रांची में प्रस्तावित है। मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम रिम्स रांची और एमजीएम जमशेदपुर में उपलब्ध है। बिना ऑक्सिजन के 12358 बेड, ऑक्सीजन के साथ 2021, आईसीयू 577 और वेंटिलेटर 642 उपलब्ध हैं। स्टेट स्क्रीनिंग कमिटि, स्टेट टास्क फोर्स, डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स, और प्रखंड स्तर पर टास्क फोर्स का गठन कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने इन विषयों पर विस्तार से ली जानकारी:
कोरोना संक्रमण से संबंधित जानकारी, कोरोना वैक्सीन की स्थिति, मुख्यमंत्री ने योजना मद की वर्ष 2020-21 में उपबंधित राशि के विरुद्ध निर्गत स्वीकृति आदेश, आवंटन तथा अद्यतन व्यय की स्थिति, मुख्य योजनाओं के कार्यान्वयन की अद्यतन स्थिति, आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना, गोल्डन कार्ड वितरण, जननी स्वास्थ्य, स्वास्थ्य की आधारभूत संरचनाएं, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, बाल स्वास्थ्य और टीकाकरण, राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम, वर्तमान में संचालित योजनाओं से संबंधित जानकारी ली।
बैठक में स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त केके खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी सहित संबंधित विभाग के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.