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हेमंत सरकार की पहल, ढाई वर्ष में लाखों श्रमिकों की सुरक्षित घर वापसी, 2 करोड़ बकाया का कराया भुगतान Hemant Government

News Desk

Hemant Government: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा कोरोना काल में श्रमिकों को अपने राज्य वापस लाने के लिए शुरू की गई पहल अब श्रमिकों के लिए एक नई उम्मीद और आशा बनकर उभरी है. हेमंत सोरेन सरकार के दौरान न केवल श्रमिकों को मुसीबत में फसने पर राज्य वापस लाया जाता है बल्कि उनके बकाये का भी भुगतान करवाया जाता है. राज्य के श्रम नियोजन मंत्री सत्यानंद भोक्ता भी अपने विभाग द्वारा श्रमिकों को हर संभव मदद पहुँचाने का प्रयास करते है. इन्ही सुखद प्रयासों का नतीज़ा है की हेमंत सरकार के ढाई वर्षों के कार्यकाल में लाखों श्रमिकों को राज्य वापस लाया गया है साथ ही 2 करोड़ रुपए बकाया का भी भुगतान करवाया गया है.

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घर ना आने की उम्मीद के बीच हेमंत सरकार ने चेतलाल महतो सहित अन्य की कराई घर वापसी:

हजारीबाग के विष्णुगढ़ स्थित चानो गांव निवासी चेतलाल महतो को ना घर वापस लौटने की उम्मीद थी और ना ही कंपनी द्वारा उनके पारिश्रमिक के भुगतान का भरोसा। इस बीच उसके साथियों ने अपनी वापसी के सभी प्रयास करने के उपरांत राज्य सरकार से मलेशिया से घर वापसी की गुहार लगाई। चेतलाल की चिंता उस समय दूर हो गयी, जब मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने रामप्रसाद और उनके सहयोगियों की सुरक्षित घर वापसी का आदेश श्रम विभाग को दिया। सभी के ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद श्रम विभाग और सेफ रिस्पॉन्सिबल माइग्रेशन सेंटर के संयुक्त प्रयास से सभी 30 श्रमिकों की वापसी सुनिश्चित हुई। साथ ही उनके बकाया पारिश्रमिक का भुगतान भी हुआ। श्रमिकों का यह समूह आज ख़ुशी खुशी अपने गांव में अपने परिजनों के साथ जीवन यापन कर रहा है। ऐसे ही मुख्यमंत्री के आदेश पर 35 वर्ष से अधिक समय के बाद गुमला निवासी बंधुवा मजदूर बने फुचा महली की घर वापसी अंडमान से हुई। मुश्किल में फंसे राज्य के श्रमिकों और कामगारों को देश के अन्य राज्यों और विदेशों से लाखों श्रमिकों की सुरक्षित घर वापसी विगत ढाई वर्ष में हुई है।

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दो करोड़ रुपये बकाया का कराया भुगतान:

मुख्यमंत्री के निर्देश पर श्रम विभाग और राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष के प्रयास से ना सिर्फ श्रमिकों/कामगारों की सुरक्षित घर वापसी हुई, बल्कि उनके बकाया पारिश्रमिक का भुगतान भी हुआ। 27 मार्च 2020 से 30 जून 2022 तक 2,27,16,858.62 रुपये विभिन्न कंपनियों से 3,108 श्रमिकों/कामगारों के पारिश्रमिक का भुगतान कराया गया। साथ ही, राज्य के करीब 168 मृत श्रमिकों के परिजनों को 6,39,31,972 रुपये का भुगतान कराया गया।

अब भी जारी है मदद का यह अभियान:

झारखण्ड सरकार के श्रम विभाग के श्रमाधान पोर्टल में मजदूर पंजीकरण व प्रवासी पंजीकरण और उससे प्राप्त होने वाली योजनाओं के लाभ को लेकर प्रत्येक जिले में राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष द्वारा पंजीकरण, जागरूकता एवं प्रचार प्रसार किया जा रहा है। राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष द्वारा मजदूर पंजीकरण व प्रवासी पंजीकरण में जागरूकता के अतिरिक्त प्रवासी मजदूरों का रेस्क्यू, निधन होने पर प्रवासी मजदूरों के शव की वापसी, मजदूरों का बकाया राशि आदि दिलाने के अलावा उनके पुनर्वास को लेकर प्रधानमंत्री आवास योजना, पेंशन योजना राशन कार्ड आदि लाभों से जोड़ने का कार्य भी हो रहा है। साथ ही सुरक्षित और जिम्मेदार प्रवासन की पहल करते हुए 3 जिलों में सुरक्षित और जिम्मेदार प्रवासन केंद्र बनाया गया है, जिसमें गुमला, पश्चिमी सिंहभूम और दुमका शामिल है। वहीं अन्य राज्यों लेह एवं केरल में प्रवासन केंद्र खुलने जा रहा है। श्रमिकों की मदद के लिए पिछले साल शुरू हुआ यह अभियान अब भी चल रहा है। इसके लिए राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष लगातार सक्रिय है। श्रमिकों के लिए सात लैंड लाइन और 5 व्हाट्सएप नंबर जारी किए गए हैं। ये नंबर हैं –0651-2481055, 0651-2480058, 0651-2480083, 0651-2482052, 0651-2481037,0651-2481188,18003456526, 9470132591, 9431336427, 9431336398, 9431336472, 9431336432

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